नई दिल्ली. भारत (India) के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना (Sanjiv Khanna) ने मंगलवार को कहा कि सरकार की हर ब्रांच को अपनी संवैधानिक भूमिका का सम्मान करना चाहिए. 75वें संविधान दिवस (75th constitution day) के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य न्यायाधीश खन्ना ने कहा कि संविधान न्यायपालिका को चुनावी प्रक्रिया के उतार-चढ़ाव से अलग रखता है, यह सुनिश्चित करता है कि निर्णय निष्पक्ष और दुर्भावना से मुक्त हों और पूरी तरह से संविधान और कानूनों द्वारा निर्देशित हों. न्यायिक स्वतंत्रता एक ऊंची दीवार के रूप में नहीं, बल्कि उत्प्रेरक के रूप में काम करती है.
कार्यक्रम के दौरान सीजेआई खन्ना ने पीएम मोदी (PM Modi) को एक पेंटिंग भेंट की, ये पेंटिंग तिहाड़ जेल में बंद एक कैदी द्वारा बनाई गई थी.
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत, अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमानी, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने भी अपने विचार साझा किए.
इस दौरान सीजेआई खन्ना ने कहा कि भारतीय अदालतों में आने वाले मामलों का पैमाना चौंकाने वाला है. एक साल के दौरान न्यायिक प्रणाली को जिला अदालतों में 2.8 हजार करोड़ से अधिक मामले और उच्च न्यायालयों में लगभग 16.6 लाख मामले और सर्वोच्च न्यायालय में 54,000 मामले मिले. सीजेआई ने बताया कि यह आश्चर्य की बात नहीं है कि जिला न्यायालयों में 4.54 करोड़ से अधिक और उच्च न्यायालय में 61 लाख से अधिक मामले लंबित हैं. ये संख्याएं चुनौती को दर्शाती हैं और नागरिकों के हमारे न्यायालयों पर गहरे भरोसे को दर्शाती हैं.
उन्होंने कहा कि हमारे जिला न्यायालयों ने विशेष रूप से दीवानी मामलों में उल्लेखनीय सुधार और दक्षता दिखाई है, पिछले वर्ष ही हमारे जिला न्यायालयों ने 20 लाख से अधिक आपराधिक मामलों और 8 लाख से अधिक दीवानी मामलों का निपटारा किया. सुप्रीम कोर्ट में केस निपटान दर 95 से बढ़कर 97 प्रतिशत हो गई है.
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