नई दिल्ली: विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में हार के बाद महाराष्ट्र (Maharashtra) कांग्रेस (Congress) के अध्यक्ष नाना पटोले (Nana Patole) मंगलवार (26 नवंबर, 2024) को राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मिलने दिल्ली पहुंचे. इस दौरान उन्होंने अध्यक्ष पद से इस्तीफे (Resign) की खबरों पर भी बात की. उन्होंने कहा कि वह पार्टी कि सिपाही हैं, हाईकमान जो फैसला लेगी, उसको वह मानेंगे. उन्होंने महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों पर कहा कि ये राज्य की जनता का फैसला नहीं है. नाना पटोले अपनी परंपरागत सीट सकोली से चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें सिर्फ 208 वोटों से ही जीत मिली. कई राउंड की गिनती में वह पीछे चल रहे थे, लेकिन आखिर में उन्होंने बाजी मार ली.
नाना पटोले ने कहा, ‘देखो हाई कमान को जो डिसीजन लेना है, हाई कमान लेती है और मैं पार्टी का सिपाही हूं. जो भी आदेश हाई कमान देंगे उसका मैं पालन करूंगा. जो भी मूवमेंट महाराष्ट्र में खड़ा करना है उसके बारे में मैं राहुल गांधी से चर्चा करने आया हूं. मैं पार्टी का सिपाही हूं तो उसमें मेरे को कोई दिक्कत नहीं. हाईकमान ने मुझे बोला मैं स्पीकर का पद छोड़ दूं तो एक मिनट में छोड़ दिया था तो मुझे कोई तकलीफ नहीं हुई.’
पटोले ने कहा कि आज भी महाराष्ट्र में असंतोष है. पब्लिक बोलती हमारे वोटों से ये सरकार नहीं आई तो यह सब असंतोष जनता में भी है. मुख्यमंत्री के सवाल पर उन्होंने कहा कि उसको ये लोग सीएम की कुर्सी पर बिठाएंगे जो उनके मुट्ठीभर दोस्तों को फायदा पहुंचा सके और इनके कहने पर कागजों पर साइन कर सके. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र को सबसे ज्यादा लूटकर कौन मोदी जी के मित्रों को दे सकता है. ऐसे मुख्यमंत्री के सिलेक्शन के लिए दिल्ली में बैठी हुई बीजेपी के हाई कमान मंथन कर रही है और इसलिए उनको समय लग रहा है. महाराष्ट्र बेचना तो तय है उनके लिए और अब हाईकमान सोच रही है कि किससे ज्यादा कोई भी कागज साइन करवा सकते हैं. ऊपर ये चर्चा चल रही है और इसलिए उनको समय लग रहा है.
नाना पटोले ने कहा कि जब पब्लिक की बात, पब्लिक का डर अगर सरकार से खत्म हो गया और पब्लिक जब भी तकलीफ में है तो पब्लिक से ज्यादा मुट्ठीभर मित्रों को फायदा देने की सरकार की नियत हो तो पब्लिक में असंतोष होगा अपने आप होने वाला है. सरकार जब मशीन से चुन के आई होगी तो पब्लिक की क्यों सुनेगी. उन्होंने कहा कि देखो खरीद दारी तो महाराष्ट्र में शुरू हुई है. 50 खोका पूरे देश में नहीं दुनिया में ये वर्ड चल गया. बीजेपी की एमएल को खरीदने की मानसिकता है. बीजेपी ने शुरुआत की महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की सरकार बनाई. विधायक खरीदना इनके लिए बहुत आसान काम है और कुछ भी हो सकता है.
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