रांची। भाजपा (BJP) झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand assembly elections) में हार की समीक्षा करेगी। इसे लेकर पार्टी के दिल्ली मुख्यालय (Delhi Headquarters) में तीन दिसंबर को उच्चस्तरीय बैठक (High level meeting) होगी। इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) समेत झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi), चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) और सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) मौजूद रहेंगे। इससे पहले हार की वजहों को लेकर 30 नवंबर को प्रदेश स्तरीय बैठक भी होगी।
आलाकमान ने हार की वजहों पर मांगी रिपोर्ट
इसमें प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी, प्रदेश अध्यक्ष समेत सभी जिलाध्यक्ष, विधानसभा प्रभारी, नवनिर्वाचित विधायक, विधायक प्रत्याशी मौजूद रहेंगे। जानकारी के मुताबिक, भाजपा आलाकमान ने हार की वजहों पर रिपोर्ट मांगी है। प्रदेश के नेताओं द्वारा भेजी गई रिपोर्ट पर ही दिल्ली में समीक्षा होगी।
विधायक दल के नेता बने बाबूलाल तो दूसरे को प्रदेश अध्यक्ष की कमान
बाबूलाल मरांडी को विधायक दल की बैठक के बाद अगर नेता विधायक दल चुना जाता है तो उन्हें प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देना होगा। वहीं, किसी समान्य या ओबीसी वर्ग के नेता को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जा सकती है। भाजपा द्वारा नेता विधायक दल के चयन के लिए ऑब्जर्वर की नियुक्ति की जाएगी। ऑब्जर्वर की मौजूदगी में ही नेता विधायक दल का चयन किया जाएगा।
झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य के बयान पर सोमवार को भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विजय चौरसिया ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि झामुमो को जनता से किए अपने वायदे पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। झारखंड की जनता ने उन्हें उनके वायदे पर बहुमत दी है। अब सरकार बना जनता के विश्वास पर खरा उतरे। एनडीए राज्यहित में हमेशा सहयोग को तैयार है। विजय ने कहा कि शायद झामुमो के महासचिव को अभी से वायदे न पूरे करने का डर सताने लगा है। इसलिए वो जनता का ध्यान भटकाने के लिए अलग कहानियां गढ़ने में लग गए हैं। हमें डर है कि फिर से 2019 की तरह ही वायदे भूल न जाए।
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