मुंबई। बीजेपी (BJP) के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन (Mahayuti alliance) ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra assembly elections) में कमाल कर दिया है। बीजेपी (BJP) ने सबसे ज्यादा 132 सीटें जीती हैं। शिवसेना और एनसीपी (Shiv Sena and NCP) ने भी बेहतर प्रदर्शन किया है। बंटोगे तो कटोगे, एक हैं तो सेफ हैं जैसे नारों का बीजेपी ने चुनाव के दौरान खूब इस्तेमाल किया, जिसका असर नतीजों में देखा भी गया। बीजेपी ने राज्य में ऐसी 14 सीटों (14 सीटों) पर जीत दर्ज की, जहां पर मुस्लिमों की आबादी 20 फीसदी से ज्यादा (Muslim Populations more than 20 percent) है। महाराष्ट्र की कुल 38 सीटें ऐसी थीं, जहां पर 20 पर्सेंट से ज्यादा मुस्लिम रहते हैं। वहीं, कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है और उसके सीटों की संख्या घटकर सिर्फ पांच ही रह गई है, जबकि पांच साल पहले पार्टी इन 38 में से 11 सीटें जीती थी। 2019 में बीजेपी इनमें से 11 ही जीत सकी थी और अब पार्टी ने तीन सीटों की बढ़ोतरी की है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, इन 38 सीटों में से महायुति ने सबसे ज्यादा 22 सीटें जीती हैं, जबकि महाविकास अघाड़ी को 13 ही मिलीं। महायुति में शिवसेना को भी छह सीटों पर जीत मिली और एनसीपी दो सीटें जीतने में कामयाब रह सकी। एमवीए में शिवसेना यूबीटी को छह और एनसीपी एसपी को दो सीटें ही मिलीं। बाकी की बची तीन सीटों में समाजवादी पार्टी मनखुर्द शिवाजी नगर, भिवंडी ईस्ट और एआईएमआईएम को सिर्फ मालेगांव सेंट्रल में जीती। कांग्रेस ने जो सीटें जीती हैं, उनके नाम- मुंबादेवी, अकोला पश्चिम, धारावी, मलाड पश्चिम, लातूर सिटी हैं। बीजेपी ने भिवंडी पश्चिम, औरंगाबाद पश्चिम, अंधेरी पश्चिम, अकोट, वांद्रे पश्चिम, सोलापुर सेंट्रल, नागपुर सेंट्रल, धुले, सायन कोलीवाडा, पुणे कैंट, रावेर पश्चिम और मलकापुर सीट पर जीत हासिल की।
इस विधानसभा चुनाव में न सिर्फ कांग्रेस समेत विपक्षी गठबंधन को झटका लगा है, बल्कि ओवैसी की एआईएमआई भी कुछ खास नहीं कर सकी। पार्टी पूरे राज्य में सिर्फ एक ही सीट जीत सकी, जबकि उसने 16 सीटों पर कैंडिडेट्स उतारे थे। पांच साल पहले ओवैसी की पार्टी राज्य में दो सीटें जीतने में कामयाब हुई थी। औरंगाबाद ईस्ट से एआईएमआईएम के महाराष्ट्र प्रमुख इमतियाज जलील को बीजेपी कैंडिडेट ने दो हजार वोटों से हरा दिया। वहीं, जो इकलौते एआईएमआई के उम्मीदवार को जीत मिली, वह मुफ्ती इस्माइल हैं। वह भी सिर्फ 162 वोटों से ही जीत सके।
बीजेपी ने कैसे कर दिया यह कमाल?
आमतौर पर माना जाता है कि बड़ी संख्या में मुस्लिम वोटर्स बीजेपी को वोट नहीं देते हैं, फिर भी ऐसी सीटों को बीजेपी जीतने में कैसे कामयाब हो गई, जहां पर 20 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम आबादी है। इसके पीछे वजह बीजेपी की खास रणनीति मानी जा रही है। इस चुनाव में यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने बंटोगे तो कटोगे, पीएम मोदी ने एक हैं तो सेफ हैं का नारा दिया, जोकि ऐसी सीटों पर बीजेपी के लिए काम कर गया। धर्म के आधार पर ध्रुवीकरण की वजह से फायदा भाजपा को हुआ। एनसीपी-एसपी के अध्यक्ष शरद पवार ने भी माना है कि बीजेपी के इन नारों ने विपक्ष को नुकसान पहुंचाया है।
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