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    महाराणा प्रताप के वंशजों में गद्दी को लेकर टकराव हिंसक क्‍यों? जानें मेवाड़ का क्‍या है इतिहास

  • November 26, 2024

    जयपुर । राजस्थान(Rajasthan) में महाराणा प्रताप के वंशजों(Descendants of Maharana Pratap) के बीच टकराव ने हिंसक(the confrontation turned violent) रूप ले लिया है। उदयपुर में राजपरिवार के बड़े बेटे महेंद्र सिंह मेवाड़ के बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़ को गद्दी पर बैठाने की परंपरा निभाई गई। दूसरी तरफ, महेंद्र सिंह के छोटे भाई अरविंद सिंह मेवाड़ ने इस रस्म को ग़ैरक़ानूनी करार दिया है। उनका कहना है कि गद्दी पर अधिकार उनके बेटे लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ का है। विश्वराज सिंह मेवाड़ का अपने चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ के साथ कानूनी विवाद के बीच राजतिलक हुआ है।

    विवाद पहले भी हुए है, लेकिन इस बार विवाद ने हिंसक रूप ले लिया है। उदयपुर की गद्दी को लेकर विवाद काफ़ी पुराना है। बड़े बेटे महेंद्र सिंह मेवाड़ और छोटे बेटे अरविंद सिंह मेवाड़ के बीच इसे लेकर कई बार टकराव भी हो चुका है। कई अदालतों में यह मामला चल रहा है। हालांकि अभी मेवाड़ चैरिटेबल ट्रस्ट के ज़रिए छोटे बेटे अरविंद सिंह मेवाड़ ही उदयपुर राज घराने की गद्दी को संभालते हैं और सिटी पैलेस में रहते हैं। मगर आसपास की रियासतों में बड़े बेटे यानी महेंद्र सिंह मेवाड़ का प्रभाव ज़्यादा है। विश्वराज सिंह के पिता महेंद्र सिंह मेवाड़ का हाल ही में निधन गया है।

    विश्वराज सिंह मेवाड़ राजतिलक होने के बाद अपने समर्थकों के साथ उदयपुर के जगदीश चौक के बाहर मौजूद हैं। परंपरा के तहत धूणी दर्शन के लिए उदयपुर पहुंचे हैं, जहां पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रास्ता रोक रखा है। मौके पर भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात हैं। विश्वराज मेवाड़ और उनके समर्थक धूणी के दर्शन करने की बात पर अड़े हैं, जबकि सिटी पैलेस के लोग किसी को भी अंदर नहीं जाने दे रहे हैं। प्रशासन दोनों पक्षों में विवाद शांत कराने के लिए समझाइश कर रहा है। इस बीच विश्वराज सिंह मेवाड़ और रणधीर सिंह भींडर कार से उतरकर बैरिकेडिंग से आगे सिटी पैलेस वाली रोड की तरफ पैदल निकले। कई घंटे से विश्वराज सिंह मेवाड़ अपनी कार में बैठे हुए थे। वहीं, उनके समर्थक लगातार नारेबाजी कर रहे हैं. फिलहाल, जिला प्रशासन द्वारा दोनों के बीच वार्तालाप का दौर जारी है, लेकिन अभी तक सहमति नहीं बन पाई है।

    वहीं, सिटी पैलेस के बाहर एकाएक जब समर्थकों का हुजूम गेट की ओर बढ़ा तो पैलेस के अंदर से पत्थरबाजी शुरू हो गई। वहीं भीड़ और पुलिस प्रशासन थोड़ी देर के लिए सभी वहां से भागने लगे। हालांकि इस दौरान तीन लोगों को पत्थर से गहरी चोट आई है। जो लोग घायल हुए हैं उन्हें तुरंत इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। वहीं पत्थरबाजी के बाद बड़ी पोल से लेकर धूणी और जनाना महल तक के क्षेत्र के लिए कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए तुरंत रिसीवर नियुक्त किया गया है।

    बता दें सोमवार को विश्वराज सिंह मेवाड़ का राजतिलक हुआ। विश्व विख्यात ऐतिहासिक चित्तौड़गढ़ दुर्ग स्थित फतह प्रकाश महल में उनके राजतिलक की रस्म निभाई गई। 21 तोपों की सलामी के साथ सलूंबर रावत देवव्रत सिंह ने अपना अंगूठा काटकर अपने खून से तिलक लगाया और विश्वराज सिंह को गद्दी पर बिठाया।

    राजतिलक के बाद सिटी पैलेस में धूणी माता के दर्शन के लिए जब विश्वराज सिंह उदयपुर सिटी पैलेस पहुंचे तो पैलेस के गेट बंद थे। मौके पर पुलिस की ओर से बैरिकेड्स लगाए गए, जिसे विश्वराज के समर्थकों ने हटा दिया। इस दौरान एक बारगी पुलिस और विश्वराज के समर्थक आमने-सामने होते नजर आए। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचकर समझाइश कर रहे हैं। विश्वराज सिटी पैलेस के बाहर समर्थकों के साथ धरने पर बैठे हुए हैं. प्रशासन लगातार विश्वराज और लक्ष्यराज के बीच सुलह वार्ता कर रहा है। विश्वराज धूणी माता के दर्शन के लिए अड़े हैं।

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