नई दिल्ली: बिजनेसमैन गौतम अडानी (Gautam Adani, businessman) को लेकर देश में सियासत तेज है. अमेरिका (America) में उन पर आरोप लगा है एक प्रोजेक्ट के कॉन्ट्रैक्ट और फाइनेंस पाने के लिए उनकी ओर से बड़ी रिश्वत दी गई. इसको लेकर विपक्ष केंद्र सरकार को घेर रहा है. इसी बीच बीते दिनों बीजेपी ने कहा था कि अडानी ने तेलंगाना सरकार को 100 करोड़ रुपये का डोनेशन दिया है. इस पर अब तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी ने अडानी द्वारा तेलंगाना स्किल यूनिवर्सिटी को दिए गए 100 करोड़ रुपये ठुकरा दिए हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अडानी ने अमेरिका में अपनी कंपनी को सोलर एनर्जी से जुड़े प्रोजेक्ट और कांट्रैक्ट दिलाने के लिए भारतीय अधिकारियों को 2100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी. आरोप ये भी है कि उन्होंने ये बात उन अमेरिकी बैंक से इंवेस्टर्स से छिपाई. अमेरिकी प्रोसिक्यूटर्स का दावा है कि कंपनी के दूसरे अधिकारियों ने कांट्रैक्ट पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को रुपये देने पर सहमति जताई थी.
इस मामले में अमेरिका की एक कोर्ट ने अडानी समेत 7 लोगों के खिलाफ वारंट जारी किया है. हालांकि, अमेरिका के इस एक्शन में एक पेंच फंसा है.अमेरिकी एसईसी सीधे अडानी को तलब नहीं कर सकता. इसके लिए उसे राजनयिक माध्यमों से नोटिस देना होगा. एसईसी (अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग) के पास विदेशी नागरिक को सीधे तलब करने का अधिकार नहीं है.
एसईसी चाहता है कि अडानी रिश्वत देने के आरोपों पर अपना पक्ष रखें. इस मामले में उसे अमेरिका में भारतीय दूतावास के जरिए समन भेजना होगा. ये समन एसईसी के न्यूयॉर्क की कोर्ट में दायर कानूनी दस्तावेज का हिस्सा है. इसे अडानी तक पहुंचने में कुछ समय लगेगा. बता दें किअडानी और उनके भतीजे सहित 7 और लोगों पर न्यूयॉर्क की एक कोर्ट में मुकदमा शुरू हुआ है.
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