नई दिल्ली: इजरायल (Israel) के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Prime Minister Benjamin Netanyahu) और पूर्व रक्षा मंत्री योव गैलेंट के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) ने द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट पर ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई (Iran’s Supreme Leader Ayatollah Ali Khamenei) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. खामेनेई ने कहा कि नेतन्याहू और इजरायली नेताओं के लिए गिरफ्तारी का नहीं बल्कि मृत्युदंड का वांरट जारी होना चाहिए. खामेनई ने इजरायली नेताओं को गाजा और लेबनान में हमलों के लिए मौत की सजा देने की मांग करते हुए कहा, “इन आपराधिक नेताओं के लिए गिरफ्तारी वारंट पर्याप्त नहीं है; इनके लिए तो मृत्युदंड का वारंट निकलना चाहिए.”
ईरानी मीडिया में जारी खामेनेई के भाषण में कहा गया है कि इजरायली शासन ने गाजा और लेबनान में लोगों पर बमबारी करते हुए जो किया है, वह जीत नहीं बल्कि भंयकर अपराध है. अब उनके लिए गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है लेकिन यह नाकाफी है. उनको मौत की सजा मिलनी चाहिए. खामेनेई ने कहा कि लेबनान और गाजा में जिस तरह आम लोगों को निशाना बनाकर हमला किया गया वह आतंकी कृत्य है.
इससे पहले खामेनई ने शनिवार एक्स पर पोस्ट करते हुए इजरायल को आतंकियों का गिरोह बताया था और मांग की थी कि आतंकवादी जायोनी गिरोह के सभी राजनीतिक और सैन्य नेताओं पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए. आपको बता दें कि आईसीसी ने हमास के सैन्य प्रमुख मोहम्मद डेफ के खिलाफ भी गिरफ्तारी वारंट जारी किया है.
अपने फैसले में, अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) के जजों ने कहा कि उन्हें यह निष्कर्ष निकालने के लिए उचित आधार मिला है, कि नेतन्याहू और योव गैलेंट ने ‘गाजा के लोगों खिलाफ व्यापक और व्यवस्थित हमले” के हिस्से के रूप में युद्ध के हथियार के रूप में हत्या, उत्पीड़न और भुखमरी सहित कई आपाराधिक कृत्यों को अंजाम दिया.’
इस फैसले को लेकर इजरायल में नाराजगी देखी जा रही है और इजरायल ने इसे शर्मनाक और बेतुका बताया है. गाजा के निवासियों ने उम्मीद जताई कि इससे हिंसा को खत्म करने और युद्ध अपराधों के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाने में मदद मिलेगी.इजराइल ने हेग स्थित न्यायालय के अधिकार क्षेत्र को खारिज करते हुए गाजा में युद्ध अपराधों से इनकार किया है.
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