डेस्क। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने सोमवार उत्तर प्रदेश के संभल (Sambhal) में हिंसा (Violence) के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया और दावा किया कि हालिया विधानसभा उपचुनावों (Assembly By-Elections) में हुई ‘धांधली और लूट’ को छिपाने के लिए यह घटना कराई गई है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी के नेता जिया उर रहमान संभल में नहीं थे, लेकिन उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। रविवार को संभल स्थित मुगलकालीन मस्जिद का अदालत के आदेश पर सर्वेक्षण का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़प में तीन व्यक्तियों की मौत हो गई थी और करीब 20 सुरक्षाकर्मियों तथा प्रशासन के चार कर्मियों समेत कई अन्य घायल हो गए। एक घायल व्यक्ति की सोमवार को मौत हो गई।
अखिलेश यादव ने कहा, “हमारे सांसद जिया उर रहमान संभल में थे ही नहीं और इसके बावजूद उनके खिलाफ FIR दर्ज कर दी गई। यह सरकार द्वारा किया गया दंगा है। कोर्ट द्वारा आदेश पारित किए जाने के तुरंत बाद ही पुलिस और प्रशासन सर्वे के लिए जामा मस्जिद पहुंच गए। 23 नवंबर को पुलिस प्रशासन ने कहा कि अगले दिन 24 तारीख को दोबारा सर्वे किया जाएगा। पुलिस प्रशासन को यह आदेश किसने दिया? जब लोगों ने सर्वे का कारण जानना चाहा तो सर्किल ऑफिसर ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। इसका विरोध करते हुए लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। बदले में पुलिस कांस्टेबल से लेकर अधिकारी तक सभी ने अपने सरकारी और निजी हथियारों से गोलियां चलाईं, जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग है। इससे कई लोग घायल हो गए। 5 निर्दोष लोगों की मौत हो गई। संभल का माहौल खराब करने के लिए पुलिस और प्रशासन के लोगों के साथ-साथ याचिका दायर करने वाले लोग भी जिम्मेदार हैं। उन्हें निलंबित किया जाना चाहिए और उनके खिलाफ हत्या का मुकदमा चलाया जाना चाहिए ताकि लोगों को न्याय मिल सके और भविष्य में कोई भी संविधान के खिलाफ ऐसी गैरकानूनी घटना न कर सके।”
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved