जबलपुर। शहर के हृदय स्थल कहे जाने वाले सिविक सेंटर को चार्ट, फुलकी के ठेले टपरों वालों की नजर लग चुकी है। यहां पर दिनभर इनकी धमाचौकड़ी देखने को मिल जाएगी और शाम से लेकर रात होते-होते तक इनकी संख्या और बढ़ जाती हैं, दुकानें सड़कों पर आ जाती हैं। इस सब का नतीजा यह होता है कि सड़कों पर मनमानी पार्किंग और अराजक यातायात के बीच लोगों का आना-जाना होता है। कई बार जाम की स्थिति भी निर्मित हो जाती है। ठेले टपरे वालों की मनमानी और रंगदारी के कारण निगम का अतिक्रमण हटाने वाला अमला भी बेबस नजर आता है। इन दुकानदारों के बढ़ते हौसलों ने अब तो सुलभ कॉम्पलेक्स को भी ढांक दिया है। सिविक सेंटर की सड़कों और फुटपाथों पर ठेले-टपरों वालों की संख्या तीज त्योहार में और बढ़ जाती है। जिसके चलते ग्राहकों के वाहन भी सड़क पर ही पार्क होते हैं। लोगों का कहना है कि इन दुकानदारों के कारण ट्रैफिक व्यवस्था चरमराई हुई है और जिम्मेदारों के लिए चुनौती बना हुआ है। सड़क और फुटपाथ दोनों चलने के लिए हैं, जिसपर खुली दुकानों पर कार्रवाई नहीं होती।
स्थानी दुकानदार ज्यादा परेशान
सिविक सेंटर जैसे एरिया में जिन लोगों की अपनी खुद की दुकानें हैं वह इन सब ठेले-टपरों वालों से परेशान हैं। जगह-जगह फुटपाथ पर लगी चाय-पान की दुकानें और चार्ट फुलकी के ठेले वालों के कारण सिविक सेंटर जैसे एरिया की खूबसूरती में भी दाग जैसा है। जगह-जगह लगे गंदगी के ढेर और बदबू मारती नालियां, ये सब दुकानदारों की ही देन हैं। कुछ स्थानीय दुकानदारों ने निगम अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए बताया कि यहां पर इतनी अराजकता जो फैली रहती है इसका कारण है कि अतिक्रमण हटाने वालों का याराना यहां बना रहता है। जिसके कारण यहां पर व्यवस्थित कुछ भी नहीं दिखाई देता।
इनका कहना है
सिविक सेंटर को चौपाटी के रूप में विकसित करने की योजना है, जेडीए से चर्चा जारी है। लेकिन क्षेत्र में गंदगी, कब्जे और ट्रेफिक को लेकर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
प्रीती यादव, निगमायुक्त
नहीं दिखता सुलभ कॉम्पलेक्स
सिविक सेंटर जैसी जगह में कहने को तो दो सुलभ कॉम्पलेक्स गार्डन के दोनों तरफ बनाए गए हैं। जिससे यहां आने जाने वालों और दुकानदारों को कोई असुविधा न हो लेकिन इन ठेले टपरों वालों ने अपनी दुकान इसके सामने लगा के रखी है। लोगों को पता ही नहीं चलता कि यहां पर दूसरा सुलभ कॉम्पलेक्स भी है। अब इसे इन दुकानदारों की मनमानी और रंगदारी न कहा जाए तो क्या कहेंगे।
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