इंदौर (Indore)। शादी-ब्याह शुरू होते ही एक बार फिर डीजे संचालकों की मनमानी शुरू हो गई है। देर रात तक तेज आवाज में बजने वाले डीजे पर पिछले शादी के सीजन में कलेक्टर ने रोक लगाई थी, लेकिन अब एक बार फिर बिना रोक हटाए ही डीजे वालों ने मनमानी शुरू कर दी है।
शहर पहले ही वायु प्रदूषण के बढ़ते आंकड़ों से जूझ रहा है। हालांकि शहर में अभी ध्वनि प्रदूषण नापने या उसके अनुसार कार्रवाई करने को ेलेकर कोई तैयारी नहीं है। पिछले साल कलेक्टर ने रात 10 से सुबह 6 बजे तक डीजे पर प्रतिबंध लगाया था, वहीं अनंत चतुर्दशी के चल समारोह में भी कलेक्टर आशीष सिंह ने डीजे के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया था, ताकि ध्वनि प्रदूषण से शहर को बचाया जा सके।
चूंकि अब 10वीं और 12वीं की अद्र्धवाषिक परीक्षाएं भी शुरू होने वाली हैं, इसलिए भी डीजे पर प्रतिबंध आवश्यक है। लोगों का कहना है कि डीजे पर नियमानुसार स्पीकर लगाना चाहिए, लेकिन तेज आवाज के कारण क्षमता से अधिक स्पीकर लगा दिए जाते थे, जिसके कारण आम आदमी तो परेशान होता ही है, वहीं मरीजों को तेज आवाज से ज्यादा परेशानी होती है। विशेषकर हार्ट और दिमाग के मरीजों के लिए तो ये आवाज असहनीय हो जाती है।
भोपाल में पिछले महीने ही 91 एफआईआर
पिछले माह अक्टूबर में मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भोपाल कलेक्टर ने 91 डीजे संचालकों पर एफआईआर दर्ज की थी। इसके पहले डीजे वालों को निर्धारित मानक में डीजे बजाने की चेतावनी दी गई थी, लेकिन वे नहीं माने। मुख्यमंत्री यादव ने पहले ही ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर प्रतिबंध लगाया हुआ है, लेकिन इंदौर में सबकुछ बेखौफ चल रहा है।
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