चंडीगढ़ । मुख्य प्रवक्ता राजीव शर्मा (Chief Spokesperson Rajeev Sharma) ने कहा कि चंडीगढ़ कांग्रेस (Chandigarh Congress) कर वृद्धि या नया कर लगाने के (To Increase Tax or Impose new Tax) किसी भी प्रस्ताव का विरोध करेगी (Will Oppose any Proposal) ।
कांग्रेस कम से कम साल 2029 तक शहर के निवासियों पर कोई भी नया कर लगाने या किसी मौजूदा कर की दर बढ़ाने के किसी भी प्रस्ताव का विरोध करेगी । बता दें कि आर्थिक तंगी से जूझ रहे नगर निगम की ओर से जनरल हाउस की मीटिंग में बिजली बिलों में सरचार्ज बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव लाए जाने की आशंका है। चंडीगढ़ कांग्रेस की ओर से जारी आधिकारिक बयान में मुख्य प्रवक्ता राजीव शर्मा ने कहा कि पार्टी और सांसद मनीष तिवारी 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान चंडीगढ़ शहर से किए गए अपने सभी वादों और संकल्पों पर पूरी तरह से कायम हैं, इसलिए चंडीगढ़ के नागरिकों पर कोई नया टैक्स नहीं लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके विपरीत, आज नए टैक्स लगाने के बजाय शहर के निवासियों को कुछ राहत देने ज़रूरत है, क्योंकि भाजपा के नेतृत्व वाले नगर निगम ने साल 2023 तक अपने 8 साल के कार्यकाल के दौरान चंडीगढ़ निवासियों पर बेरहमी से कमरतोड़ टैक्स लगाए हैं।
यह उम्मीद जताते हुए कि आम आदमी पार्टी निगम में लाए गए बिजली की खपत पर अतिरिक्त सेस लगाने के प्रस्ताव को तुरंत वापस लेगी, कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी के नेता अपने इंडिया गठबंधन के सहयोगियों के संपर्क में हैं ताकि उन्हें इस एजेंडे को वापिस लेने के लिए मनाया जा सके। उन्होंने आगे कहा कि पार्टी की स्थानीय इकाई के अध्यक्ष एच.एस. लक्की ने पहले ही कांग्रेस पार्षदों को निर्देश दे दिया है कि यदि 23 नवंबर 2024 को सदन की बैठक में यह एजेंडा पेश किया जाता है तो वे इसका विरोध करें। करों के प्रभावी अनुपालन को सुनिश्चित करके निगम के संसाधनों को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि चंडीगढ़ में सरकारी भवनों पर निगम का सैकड़ों करोड़ रुपये बकाया है और यदि राज्य, चंडीगढ़ प्रशासन और सार्वजनिक प्राधिकरण अपने बकाये कर के आधे का भी भुगतान कर दें तो निगम की वित्तीय स्थिति में काफी सुधार हो जाएगा।
कांग्रेस प्रवक्ता ने शहरवासियों को आश्वासन दिया कि भाजपा के वर्षों के कुशासन से निगम की वित्तीय सेहत को हुए भारी नुकसान को ठीक करने के प्रयास पहले से ही किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले महीने कांग्रेस पार्टी ने नगर आयुक्त से पिछले महापौरों, पार्षदों और अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के लिए श्वेत पत्र लाने का आग्रह किया था, जो निगम पर 500 करोड़ रुपये के अभूतपूर्व कर्ज का बोझ डालने के लिए जिम्मेदार हैं, जबकि वर्ष 2015 में निगम के पास 500 करोड़ रुपये के फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में अतिरिक्त धन था।
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