पुणे । एनसीपी (शरद पवार गुट) की नेता सुप्रिया सुले (NCP (Sharad Pawar faction) leader Supriya Sule) ने कहा कि मतदाताओं को गुमराह करने के लिए (To mislead Voters) झूठी खबरें फैलाने के हथकंडे अपनाए गए (Tactics of spreading False News were adopted) । महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से कुछ घंटे पहले पूर्व आईपीएस अधिकारी रवींद्र नाथ पाटिल ने मंगलवार को आरोप लगाया कि एनसीपी (शरद पवार गुट) की नेता सुप्रिया सुले और महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले क्रिप्टोकरेंसी घोटाले में शामिल हैं।
सुप्रिया सुले ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “राज्य में मतदान के कुछ घंटों पहले मतदाताओं को गुमराह करने के लिए झूठी सूचना फैलाने के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। हमने बिटकॉइन के दुरुपयोग के झूठे आरोपों के खिलाफ भारतीय निर्वाचन आयोग और साइबर अपराध विभाग में आपराधिक शिकायत दर्ज कराई है। इसके पीछे की मंशा स्पष्ट है, यह निंदनीय है।”
बता दें कि पूर्व आईपीएस अधिकारी रवींद्र नाथ पाटिल ने मंगलवार को आरोप लगाया कि एनसीपी (शरद पवार गुट) की नेता सुप्रिया सुले और महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले क्रिप्टोकरेंसी घोटाले में शामिल हैं। उन्होंने दोनों नेताओं पर चुनाव प्रचार के लिए बिटकॉइन हेरफेर का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। पूर्व आईपीएस अधिकारी ने यह भी आरोप लगाया कि क्रिप्टोकरेंसी डीलिंग से प्राप्त नकदी का उपयोग महाराष्ट्र में वर्तमान चुनाव अभियान में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 2024 में लोकसभा चुनाव के दौरान भी इसी तरह की हेराफेरी की गई। रवींद्र नाथ पाटिल ने पुणे के पूर्व पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता और साइबर अपराध जांचकर्ता भाग्यश्री नवटके पर आरोप लगाते हुए दावा किया कि वे बिटकॉइन घोटाले में शामिल थे। उन्हें सुप्रिया सुले और नाना पटोले से संरक्षण प्राप्त था।
उन्होंने पूरे घोटाले का ब्यौरा साझा करते हुए बताया कि साल 2018 के बिटकॉइन क्रिप्टो करेंसी घोटाले में फॉरेंसिक ऑडिट के लिए मेरी कंपनी केपीएमजी को अपॉइंट किया था। उसको मैंने लीड किया था। साल 2022 में मुझे उसी केस के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था। मैंने 14 महीने जेल में बिताए। इस दौरान वह यह पता लगाने की कोशिश कर रहे थे कि उन्हें क्यों फंसाया गया। उन्होंने और उनके सहयोगियों ने तथ्यों तक पहुंचने के लिए काम करना जारी रखा। आखिरकार, उन्हें चौंकाने वाले तथ्य मिले।
पाटिल ने खुलासा किया कि मामले में एक प्रमुख गवाह, एक ऑडिट फर्म के कर्मचारी गौरव मेहता ने पिछले कुछ दिनों में उनसे कई बार संपर्क किया था। जब पाटिल ने जवाब दिया, तो मेहता ने 2018 की क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी जांच के बारे में जानकारी साझा की। मेहता ने आरोप लगाया कि क्रिप्टोकरेंसी व्यापारी अमित भारद्वाज की गिरफ्तारी के दौरान, बिटकॉइन युक्त एक हार्डवेयर वॉलेट जब्त किया गया था।
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