चंडीगढ़ । सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर (On the orders of Supreme Court) हरियाणा में (In Haryana) 12वीं तक के सरकारी और निजी स्कूल (Government and Private Schools up to 12th) बंद होंगे (Will be Closed) । यह उपाय खास तौर पर उन इलाकों में लागू किया गया है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) बहुत कम स्तर पर पहुंच गया है।
हरियाणा ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-4) लागू किया है; उपायुक्त तय करेंगे कि संस्थान को बंद करना है या नहीं। दिल्ली-एनसीआर की तरह ही, उपायुक्त तय करेंगे कि हरियाणा के उन जिलों में स्कूल बंद करने हैं या नहीं, जहां ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-4) लागू किया गया है। पहले, उपायुक्तों के पास पांचवीं कक्षा तक के स्कूलों को बंद करने का अधिकार था। हालांकि, बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने अब आदेश दिया है कि सीनियर सेकेंडरी स्कूल (बारहवीं कक्षा तक) भी बंद किए जाएं। सरकार और जिले के उपायुक्त लगातार वायु गुणवत्ता की निगरानी कर रहे हैं। बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए उन्हें स्कूल से बाहर रखा जा रहा है।
ऑनलाइन शोध जारी रहेगा। छात्रों की पढ़ाई में बाधा न आए, इसके लिए जिन इलाकों में स्कूल बंद हो रहे हैं, वहां ऑनलाइन क्लास की योजना बनाई गई है। जिन पांच जिलों में पांचवीं तक की कक्षाएं पहले ही बंद हो चुकी हैं, वहां के छात्र भी ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। 12वीं तक के छात्र भी इसी मॉडल का पालन करेंगे। दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। दिल्ली और आसपास के जिलों में वायु गुणवत्ता सूचकांक खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।
बढ़ते प्रदूषण का सीधा असर बच्चों और बुजुर्गों की स्वास्थ्य समस्याओं पर पड़ रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि इस परिस्थिति को देखते हुए नाबालिगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए जाने चाहिए। डिप्टी कमिश्नर सरकारी और निजी स्कूलों को बंद करने का फैसला लेने से पहले जिले के प्रदूषण स्तर का आकलन करेंगे। साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई बिना किसी बाधा के जारी रहे।
12वीं कक्षा तक स्कूल बंद करने के निर्णय की सूचना स्कूल शिक्षा निदेशालय, हरियाणा के निर्देशानुसार *educationcellhry@gmail.com* पर ईमेल के माध्यम से दी जानी चाहिए। यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करने के लिए विकसित की गई थी कि निर्णय सभी जिलों में लगातार और समय पर लागू हो।
हरियाणा सरकार ने हवा की गुणवत्ता में सुधार को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। बच्चों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। स्कूलों को बंद करने के अलावा, सरकार प्रदूषण कम करने की अन्य रणनीतियाँ भी विकसित कर रही है। उदाहरण के लिए, ऑटोमोबाइल यातायात को विनियमित करना, औद्योगिक प्रदूषकों की बारीकी से निगरानी करना और जागरूकता बढ़ाना।
हरियाणा के स्कूलों को बंद करना बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। वायु प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों को कम करने के लिए हर जिले में इन दिशानिर्देशों का बारीकी से पालन किया जाना चाहिए। प्रशासन और सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार हैं कि बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा की समान रूप से सुरक्षा हो।
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