नई दिल्ली। कोहरे और धुंध (Fog and Mist) के कारण राजधानी दिल्ली (Capital Delhi) की आबोहवा दिन-प्रतिदिन और बिगड़ती जा रही है। दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम में वायु गुणवत्ता “खतरनाक रूप से उच्च” स्तर (Air quality “dangerously high” levels) पर पहुंच गई है। मंगलवार सुबह 19 नवंबर को भी अधिकांश जगह एक्यूआई स्टेशन 500 अंक ‘अत्यंत गंभीर’ को छू रहे थे, जबकि एनसीआर में लगातार सातवें दिन धुंध की घनी परत छाई रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली के आनंद विहार, अशोक विहार, बवाना, जहांगीरपुरी, मेजर ध्यानचंद स्टेडियम और कई अन्य स्थानों का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) मंगलवार सुबह 5 बजे 500 अंक को छू गया, जिससे स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर चिंताएं और बढ़ गई हैं।
बता दें कि, सांसों पर आए संकट को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-4 सख्ती से लागू करने के आदेश देते हुए 12वीं तक के सभी स्कूल बंद करने के आदेश दिए हैं। वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने वायु प्रदूषण के संबंध में सोमवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए मौजूदा स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने और कमजोर समूहों और जोखिम वाले व्यवसायों के बीच जागरूकता बढ़ाने की सिफारिशें शामिल हैं।
दिल्ली में प्रदूषण ने सोमवार को तो सारी सीमाएं लांघ दीं और पांच वर्ष का रिकॉर्ड तोड़ते हुए औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 494 के अंक पर रहा। कई इलाकों में तो हवा में जहरीले कण पीएम 10 और 2.5 की संख्या 500 तक पहुंच गई। इस कारण लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत हुई। अस्पतालों ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ गई है। उधर, प्रदूषित धुंध के कारण दृश्यता का स्तर काफी गिर गया जिस कारण 180 विमानों ने दिल्ली एयरपोर्ट से देरी से उड़ान भरी, 15 डायवर्ट करने पड़े। दर्जनों रेलगाड़ियां अपने निर्धारित समय से घंटों देरी से चलीं। वहीं दिल्ली में दफ्तरों का समय बदला गया। स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाएं चलीं। इस बीच, प्रदूषण को लेकर आप, भाजपा और कांग्रेस में जुबानी जंग भी जारी रही। सीपीसीबी के मुताबिक, इससे पहले 3 नवंबर 2019 को वायु गुणवत्ता इतने खराब स्तर तक पहुंची थी, तब दिल्ली का सूचकांक 494 के अंक पर रहा था।
कई इलाकों में धुंध की परत छाई
दिल्ली की हवा अब बद से बदतर हो गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, राजधानी में आज भी वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी हुई है और कर्तव्य पथ और आसपास के इलाके धुंध की परत से ढके हुए हैं।
ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर घने कोहरे से बड़ा हादसा
ग्रेटर नोएडा में ईस्टर्न पेरिफेरल हाईवे पर घने कोहरे की वजह से बड़ा हादसा हुआ है। यहां एक के बाद एक तीन से चार वाहन आपस में भिड़ने से 15 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। पुलिस ने घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया है।
दिल्ली में कई जगह आज भी AQI 500 अंक तक पहुंचा
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली के आनंद विहार, अशोक विहार, बवाना, जहांगीरपुरी, मेजर ध्यानचंद स्टेडियम और कई अन्य स्थानों का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) मंगलवार सुबह 5 बजे 500 अंक को छू गया, जिससे स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम (500), द्वारका सेक्टर-8 (498), मुनका (500), नॉर्थ कैंपस (500), आरके पुरम (499) और वज़ीरपुर (500) कुछ ऐसे इलाके थे, जहां सुबह 5 बजे दिल्ली में सबसे खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई।
वर्क फ्रॉम होम पर विचार करने की मांग
केंद्रीय सचिवालय सेवा के कर्मचारी प्रदूषण के मद्देनजर वर्क फ्रॉम होम के विकल्प पर विचार का अनुरोध केंद्र सरकार से कर रहे हैं। सीएसएस यूनियन की ओर से डीओपीटी को पत्र लिखकर मांग की गई है कि स्वास्थ्य को लेकर स्पष्ट गाइड लाइन जारी की जाए। साथ ही दिल्ली और एनसीआर में मौजूद केंद्र सरकार के दफ्तरों में वर्क फ्रॉम होम या अलग-अलग ऑफिस टाइमिंग के विकल्प को लागू करने का अनुरोध भी किया गया है।
वायु खराब होने से डीयू और जेएनयू ने भी रोंकी ऑफलाइन क्लास
राजधानी में वायु गुणवत्ता के बिगड़ते स्तर के बीच दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने 23 नवंबर तक और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने 22 नवंबर तक ऑनलाइन क्लास संचालित करने की घोषणा की है। यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है, जब दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) “खतरनाक रूप से उच्च” स्तर पर पहुंच गया है, जिससे स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। डीयू ने एक अधिसूचना में बताया कि प्रत्यक्ष कक्षाएं 25 नवंबर से नियमित रूप से शुरू होंगी।वहीं जेएनयू ने एक बयान में कहा कि 22 नवंबर तक विश्वविद्यालय की सभी कक्षाएं ऑनलाइन जारी रहेंगी। बयान के मुताबिक, परीक्षा और साक्षात्कार का कार्यक्रम अपरिवर्तित रहेगा।
SC के स्कूलों को बंद करने के आदेश के बाद अब सिर्फ ऑनलाइन क्लास
प्रदूषण के बेकाबू स्तर (Uncontrollable levels of pollution) को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पूरे दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है। सर्वोच्च अदालत (Supreme Court) ने एनसीआर की सरकारों से इस पर तुरंत फैसला लेने को कहा है। दिल्ली में 10वीं और 12वीं की पढ़ाई भी ऑनलाइन कराने का आदेश दिया गया है। इन दो क्लासेज को छोड़कर राजधानी में बाकी स्टूडेंट्स के लिए स्कूल पहले ही बंद किए जा चुके हैं। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सभी राज्यों को 12वीं कक्षा तक सभी क्लासों को ऑफलाइन मोड में कराने से तत्काल प्रभाव से रोक देना चाहिए।
AQI 450 से नीचे होने पर भी प्रभावी रहेगी टीम
अदालत ने पलूशन की खतरनाक स्थिति को रोकने के लिए सख्त उपायों को लागू करने में हुई देरी के चलते एक टीम गठित करने को कहा है। यह टीम ग्रैप-4 के प्रतिबंधों को लागू करेगी जो कि एक्यूआई 450 से नीचे होने पर भी प्रभावी रहेगी। न्यायाधीश अभय एस ओका और न्यायाधीश ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि सभी राज्यों का यह संवैधानिक कर्तव्य है कि वे नागरिकों को पलूशन मुक्त वातावरण प्रदान करें। पीठ ने कहा कि हम ग्रैप-4 के तहत प्रतिबंधों को जारी रखने का निर्देश देते हैं, भले ही एक्यूआई लेवल 450 से नीचे आ जाए।
राजधानी में ग्रैप-4 लागू, भारी वाहनो का प्रवेश प्रतिबंधित
शुरुआत में पीठ ने ग्रैप चरणों के तहत पलूशन रोकथाम के उपायों को लागू करने में देरी पर दिल्ली सरकार और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) से सवाल किया था। इस पर दिल्ली सरकार के वकील ने पीठ को बताया कि ग्रैप का चौथा चरण सोमवार से लागू कर दिया गया है और भारी वाहनों के राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
कई इलाकों में AQI 1000 पार, अब बंद हुईं कक्षाएं
दिल्ली एनसीआर की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि कई इलाकों में एक्यूआई लेवल 1000 के पार पहुंच गया है। इसे देखते हुए राजधानी में ग्रैप-4 लागू करने का आदेश दिया गया था और अब 10वीं और 12वीं के स्कूली बच्चों की कक्षाएँ भी ऑनलाइन करने का आदेश आ गया है। हालांकि आज इस ग्रैप-4 के कार्यान्वयन से जुड़ी एक मीटिंग रद्द भी हुई है। इसे दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आयोजित किया था, लेकिन विभिन्न विभागों से जुड़े अधिकारियों के ना आने के कारण मीटिंग रद्द कर दी गई थी। हालांकि मंत्री राय ने उन अधिकारियों को फिर से शामिल होने का आदेश भेजा था।
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