नई दिल्ली । भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) यानी आरबीआई (RBI) के आंकड़ों के मुताबिक, अक्तूबर के पहले पखवाड़े में बैंकों से 1.12 लाख करोड़ रुपये निकाले गए थे। यह पैसे सीधे तौर पर इक्विटी बाजार (equity market) में निवेश किए गए थे। अक्तूबर में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स करीब छह फीसदी टूट गया था। इससे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ, जिससे वे सुरक्षित माने जाने वाले बैंक का सहारा लेने लगे।
शीर्ष पर था बीएसई
सितंबर में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) सेंसेक्स 85,800 के पार अपने शीर्ष पर था। उस समय लगातार बाजार में निवेश आ रहा था। तब सूचीबद्ध कंपनियों की पूंजी 478 लाख करोड़ रुपये हो गई थी। रिजर्व बैंक के आंकड़े बताते हैं कि सेंसेक्स के रिकॉर्ड से पहले अगस्त के अंतिम पखवाड़े में बैंकों का कुल जमा 215.50 लाख करोड़ रुपये था।
क्या कहते है आंकड़े
आंकड़ों के अनुसार, सितंबर के पहले पखवाड़े में जमा 45,000 करोड़ रुपये घटकर 215.05 लाख करोड़ रुपये रह गया। लेकिन जब सितंबर के अंत में बाजार में गिरावट शुरू हुई तो जमा और बढ़ गया। यह 4 अक्तूबर को 219 लाख करोड़ रुपये और 18 अक्तूबर को 218 लाख करोड़ रुपये रहा। अगस्त से लेकर 18 अक्तूबर तक बैंकों के कुल कर्ज में चार लाख करोड़ जबकि जमा में 5 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है।
म्यूचुअल फंड में निवेश 25 फीसदी बढ़ा
आंकड़े बताते हैं कि इस साल मार्च से लेकर अक्तूबर तक बैंकों का जमा 7.7 फीसदी बढ़कर 220 लाख करोड़ रुपये के करीब हो गया है। पर म्यूचुअल फंड में एसेट अंडर मैनेजमेंट यानी कुल निवेश का मूल्य 25.9 फीसदी बढ़ गया।
47 लाख करोड़ का नुकसान
शेयर बाजार में अक्तूबर से जारी गिरावट के कारण निवेशकों के 47 लाख करोड़ रुपये डूब गए हैं। 27 सितंबर को कुल बाजार पूंजीकरण 477.90 लाख करोड़ रुपये था। अब यह घटकर 430.60 लाख करोड़ रुपये रह गया है।
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