झांसी । झांसी हादसे (Jhansi Accident) की चार सदस्यीय समिति (Four Member Committee) जांच करेगी (Will Investigate) । झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में शुक्रवार रात आग लगने के बाद 10 नवजात की मौत हो गई थी।
मामले की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने चार सदस्यीय समिति का गठन किया है। चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक की अध्यक्षता में समिति तीन बिंदुओं पर जांच करेगी। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने मौके पर पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया और जांच का आदेश दिया। उन्होंने समिति को सात दिन के अंदर जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।
झांसी के जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि उस समय एनआईसीयू में 49 नवजात भर्ती थे, जिनकी पुष्टि फोन कॉल और नर्सिंग स्टाफ से जांच के बाद की गई है। उनमें से 38 सुरक्षित हैं और उनका इलाज चल रहा है। वहीं सात शवों की पहचान करके उनके परिजनों को सौंप दिया गया है। हालांकि, तीन नवजात शवों की शिनाख्त की जा रही है। इसके अलावा एक अन्य नवजात की स्थिति अभी तक स्पष्ट नहीं है।
जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने कहा, “परिजनों ने सात नवजात की शिनाख्त की है और बाकी तीन के लिए प्रक्रिया चल रही है। अधिकतर बच्चों में जलने के निशान नहीं है और उनकी स्थिति ठीक है। यहां जितने भी बच्चे आते हैं, वह बहुत ही गंभीर होने पर लाए जाते थे। फिलहाल तीन बच्चे ऐसे हैं, जिनकी स्थिति गंभीर है और उनका इलाज चल रहा है। शुरुआती जांच में आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट ही मालूम चली है। आगे की जांच के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी।” इससे पहले मुख्य चिकित्सा अधीक्षक सचिन माहौर ने बताया था कि एनआईसीयू में 54 बच्चे भर्ती थे। शुक्रवार देर रात एनआईसीयू में अचानक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के अंदर आग लग गई थी। इस हादसे में 10 नवजात की मौत हो गई।
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