वॉशिंगटन। अमेरिका (America) के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Newly elected President Donald Trump) ने जलवायु परिवर्तन (Climate change) को शक की निगाह से देखने वाले क्रिस राइट को नया ऊर्जा मंत्री (Chris Wright New Energy Minister) बनाया है। ट्रंप ने राइट को लालफीताशाही को कम करने और जीवाश्म ईंधन में निवेश को बढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी है। ट्रंप ने शनिवार को ऊर्जा सचिव के रूप में क्रिस राइट को नामित किया। ट्रंप ने एक बयान में कहा, ‘ऊर्जा मंत्री के रूप में, क्रिस एक प्रमुख नेता होंगे, जो नवाचार को आगे बढ़ाएंगे, लालफीताशाही को कम करेंगे और अमेरिकी समृद्धि और वैश्विक शांति के नए स्वर्ण युग की शुरुआत करेंगे।’
जमीन से तेल गैस निकालने वाली कंपनी के हैं मालिक
गौरतलब है कि क्रिस राइट लिबर्टी एनर्जी के संस्थापक हैं। यह कंपनी ऊर्जा कंपनियों के लिए काम करती है और फ्रैकिंग तकनीक से तेल और गैस निकालने का व्यापार करती है। फ्रैकिंग तकनीक तेल और गैस उत्पादन की एक विधि है जिसमें भारी मात्रा में पानी – रेत और जहरीले रसायनों के साथ मिश्रण को उच्च दबाव में धरती की गहराई में फेंका जाता है। फ्रैकिंग जमीन के भीतर मौजूद चट्टान संरचनाओं को तोड़ती है। जिससे तेल और गैस निकलती है। फ्रैकिंग तकनीक को लेकर आरोप लगते हैं कि यह हमारी हवा, पानी और जलवायु को भी प्रदूषित करती है और वन्यजीवों और मानव स्वास्थ्य पर भी विपरीत असर डालती है। ट्रंप द्वारा ऊर्जा मंत्री बनाए जाने के बाद राइट ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, ‘मानव जीवन को बेहतर बनाने के लिए मेरा समर्पण दृढ़ है, जिसमें अमेरिकी ऊर्जा को अधिक किफायती, विश्वसनीय और सुरक्षित बनाने पर ध्यान केंद्रित करूंगा।’
जलवायु संकट को नहीं मानते
राइट ने लिखा कि ‘ऊर्जा जीवन की वह शक्ति है, जो जीवन में सब कुछ संभव बनाती है। मैं काम करने के लिए उत्सुक हूं।’ उल्लेखनीय है कि क्रिस राइट जलवायु परिवर्तन की बात को नकार चुके हैं। क्रिस राइट ने अपने एक बयान में कहा था कि ‘कोई जलवायु संकट नहीं है और हम ऊर्जा परिवर्तन के दौर से भी नहीं गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कार्बन को प्रदूषण कहना अपमानजनक है क्योंकि सारा जीवन ही कार्बन डाइ ऑक्साइड पर चल रहा है। दुनिया में कुछ भी स्वच्छ ऊर्जा और दूषित ऊर्जा जैसा नहीं है, सारे ऊर्जा के स्त्रोत दुनिया पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही तरह का असर डालते हैं।’
जीवाश्म ईंधन को बढ़ावा देने का वादा किया है ट्रंप ने
दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन के संकट को देखते हुए जीवाश्म ईंधन में कटौती की वकालत की जा रही है, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप जलवायु परिवर्तन को नहीं मानते और जलवायु संकट को महज धोखा करार देते हैं। ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान के दौरान ऊर्जा कीमतों को कम करने के लिए घरेलू जीवाश्म ईंधन उद्योग को बढ़ावा देने का वादा किया था। ट्रंप ईंधन की कीमतें कम करके मुद्रास्फीति को कम करना चाहते हैं। ट्रंप ने 2015 के ऐतिहासिक पेरिस समझौते के तहत जलवायु परिवर्तन से निपटने की अमेरिकी प्रतिबद्धताओं को भी खत्म करने का वादा किया था। इससे अमेरिका समेत पूरी दुनिया के पर्यावरणविद् परेशान हो सकते हैं।
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