गोपेश्वर । बदरीनाथ मंदिर (Badrinath Temple) के कपाट बंद होने से पूर्व पंच पूजाओं के तहत शुक्रवार को खटग पूजा अनुष्ठान, प्रक्रिया सम्पन्न हुई। भगवान बदरी विशाल के मंदिर के कपाट बंद (door closed) होने से पूर्व की परम्परा के अंतर्गत शुक्रवार को देर संध्या के समय वेद ऋचाओं के वाचन को शीतकाल के लिए विराम दिया गया।
वेद उपनिषदों ग्रंथों को बंद कर किया गया। बदरीनाथ मंदिर के कपाट 17 नवम्बर को रात्रि 9 बजकर 07 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। बीकेटीसी के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कपाट बंद होने से पूर्व पंच पूजा के अंतर्गत पंचपूजा में बदरीनाथ के रावल अमरनाथ नंबूदरी और बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी विजय थपलियाल की उपस्थिति में धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल वेदपाठी रविंद्र भट्ट तथा अमित बंदोलिया ने वेद उप निषदों को बदरीनाथ मंदिर गर्भ गृह में पूजा-अर्चना के लिए बदरीनाथ के रावल को सुपुर्द किया।
माता लक्ष्मी मंदिर के कपाट आज बंद होंगे
पंच पूजा के चौथे दिन बदरीनाथ में शनिवार मध्यान्ह में रावल, धर्माधिकारी वेदपाठी, एवं लक्ष्मी मंदिर के पुजारीगण मां लक्ष्मी मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ ही कढ़ाई प्रसाद चढ़ायेंगे। और मां लक्ष्मी को बदरीनाथ मंदिर परिसर में स्थित लक्ष्मी मंदिर से बदरीनाथ मंदिर गर्भ गृह में विराजमान होने की प्रार्थना करेंगे न्योता देंगे। इस अवसर पर बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी सहित डिमरी पंचायत प्रतिनिधि तथा मंदिर समिति के अधिकारी कर्मचारी तथा तीर्थयात्री मौजूद रहेंगे।
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