इंदौर। जूपिटर हॉस्पिटल में भर्ती ब्रेनडेड महिला के अंगदान के लिए प्रशासन की प्रतीक्षा सूची में शामिल जरूरतमंद मरीजों के हॉस्पिटल तक किडनियां, लिवर और फेफड़े पहुंचाने के लिए शहर में 60वां ग्रीन कॉरिडोर बनाने की सारी तैयारियां हो चुकी थीं, मगर आखिरी वक्त में अचानक एक रिश्तेदार की जिद और मनमानी इंदौर प्रशासन सहित 5 मरीजों की उम्मीदों पर भारी पड़ गई।
असाधारण बीमारी के चलते जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे मरीजों को ऑर्गन डोनेशन के जरिए नया जीवन देने के लिए जिला प्रशासन के साथ काम करने वाली संस्था मुस्कान के काउंसलर जीतू बगानी ने बताया कि 13 नवंबर को जूपिटर हॉस्पिटल में भर्ती इंदौर की 37 वर्षीय ब्रेनडेड महिला के सभी परिजन काउंसलिंग के बाद जरूरतमंद मरीजों की जिंदगी बचाने के लिए किडनी, लिवर, फेफड़े सहित अन्य अंग दान की सहमति दे चुके थे। ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए संबंधित हॉस्पिटल तक ग्रीन कॉरिडोर के जरिए ऑर्गन पहुंचाने के लिए संभागायुक्त से लेकर पुलिस प्रशासन के अधिकारी सहित मेडिकल कॉलेज डीन और डाक्टर्स सर्जन की टीम, यानी सब हाईअलर्ट थे, मगर अचानक आखिरी वक्त पर ब्रेनडेड महिला के रिश्तेदार ने ऑर्गन डोनेशन का विरोध करते हुए हॉस्पिटल में हंगामा खड़ा कर दिया।
आखिरकार प्रशासन को 60वां ग्रीन कॉरिडोर निरस्त ही करना पड़ा
जिद्दी रिश्तेदार के भारी विरोध के चलते ब्रेनडेड महिला के जो परिजन सहमति दे चुके थे, उनकी सहमति के बाद जहां शहर में 60वां ग्रीन कॉरिडोर बनने जा रहा था, वहीं दूसरी तरफ जरूरतमंद मरीजों में नई जिंदगी की उम्मीदें जाग चुकी थीं। आखिरकार सबकुछ खत्म होता नजर आने लगा। काउंसलर बगानी के मुताबिक उनकी टीम ने जिद पर अड़े रिश्तेदार को समझाने के लिए क्षेत्रीय विधायक से भी संपर्क किया। उन्होंने भी उसे समझाया, मगर विरोध करने वाले ने उनकी भी कोई बात नहीं मानी। आखिरकार प्रशासन को बनने वाले सभी ग्रीन कॉरिडोर निरस्त करना पड़े।
जरूरतमंद मरीजों की उम्मीदें टूट गईं
ऑर्गन डोनेशन लेने के लिए प्रशासन की प्रतीक्षा सूची में शामिल जरूरतमंद मरीजों के परिजनों को जब ऑर्गन डोनेशन की खबर मिली तो मरीजों सहित उनके परिजनों-रिश्तेदारों में जहां आशा और उम्मीदें जाग चुकी थीं, वहीं ऑर्गन ट्रांसप्लांट करने वाले विशेषज्ञ सर्जन और डाक्टर्स की टीम घंटों से ट्रांसप्लांट की तैयारियों में लगे थे । इन सबको जैसे ही ऑर्गन ट्रांसपोर्टेशन के लिए बनने वाले ग्रीन कॉरिडोर के निरस्त होने की खबर मिली सबकी उम्मीदें टूटकर बिखर गईं।
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