अमृतसर । गुरु नानक देव जी के 555वें प्रकाश पर्व पर (On the 555th Prakash Parv of Guru Nanak Dev Ji) अमृतसर में स्वर्ण मंदिर (Golden Temple in Amritsar) को रोशनी व फूलों से सजाया गया (Was decorated with Lights and Flowers) । गुरु नानक देवजी का 555वां प्रकाश पर्व पूरे विश्व में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया । पंजाब के अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर (गोल्डन टेंपल) और पाकिस्तान के ननकाना साहिब गुरुद्वारों में लाखों श्रद्धालु पहुंचकर गुरु साहिब के चरणों में नतमस्तक हो रहे हैं।
गोल्डन टेंपल में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। यहां विशेष जलो सजाए गए हैं, जो सुबह 8:30 बजे से दोपहर तक संगत को दर्शन कराएंगे। रात में **ग्रीन आतिशबाजी** का आयोजन किया जाएगा, जिसमें पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए कम धुएं वाले विशेष पटाखों का उपयोग होगा। इसके अलावा, मंदिर परिसर में एक लाख से अधिक घी के दिए जलाकर प्रकाश पर्व की महिमा को और भी अलौकिक बनाया जाएगा।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अमृतसर पहुंचकर गुरुद्वारा छठी पातशाही में माथा टेका। उन्होंने गुरु नानक देव जी के उपदेशों को याद करते हुए सभी को पर्व की बधाई दी। मुख्यमंत्री ने संगत की सुविधा का ध्यान रखते हुए गोल्डन टेंपल जाने से परहेज किया।
पाकिस्तान के ननकाना साहिब, गुरु नानक देव जी के जन्मस्थान, पर भी हजारों श्रद्धालु पहुंचे हैं। एसजीपीसी द्वारा इस वर्ष 2,244 श्रद्धालुओं के पासपोर्ट वीजा के लिए भेजे गए थे, लेकिन इनमें से केवल 763 श्रद्धालुओं को वीजा मिल पाया। इसके बावजूद लगभग 3,000 श्रद्धालु इस साल पाकिस्तान के विभिन्न ऐतिहासिक गुरुद्वारों में मत्था टेकने पहुंचे।
गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि उनके संदेशों को आत्मसात करने का अवसर भी है। सेवा, समानता और भाईचारे का उनका संदेश आज भी प्रासंगिक है। संगत ने लंगर सेवा और अरदास के माध्यम से इस पर्व को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया।
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