डेस्क: मणिपुर पुलिस (Manipur Police( ने जिरीबाम जिले के जकुराधोर (Jakuradhor) बोरोबेक्रा में 11 नवंबर की घटना के संबंध में सोशल मीडिया (Social Media) पर प्रसारित “निराधार दावों” को संबोधित करते हुए एक विस्तृत बयान जारी किया. घटनाओं का आधिकारिक विवरण उपलब्ध कराने से पहले, बयान शुरू हुआ, “संगठनों की कई प्रेस विज्ञप्तियां सोशल मीडिया पर सामने आई हैं, जिसमें सीआरपीएफ (CRPF) और मणिपुर पुलिस के खिलाफ निराधार दावे किए गए हैं.”
पुलिस के अनुसार, आतंकवादियों ने 11 नवंबर को दोपहर करीब 2:30 बजे बोरोबेक्रा पुलिस स्टेशन के आईडीपी आश्रय और पास के सीआरपीएफ पोस्ट पर एक साथ हमला किया. आरपीजी और स्वचालित हथियारों से किए गए हमले में घर क्षतिग्रस्त हो गए और जल गए. पुलिस ने कहा, “सिविल पुलिस और सीआरपीएफ ने जोरदार जवाबी कार्रवाई की. 40-45 मिनट की भारी गोलीबारी के बाद स्थिति पर काबू पा लिया गया.”
सुरक्षा बलों ने सैन्य वर्दी में आतंकवादियों के 10 शवों के साथ-साथ एके, एसएलआर, इंसास राइफल और एक आरपीजी सहित महत्वपूर्ण हथियार बरामद किए. पुलिस ने नोट किया कि “दो हथियार पुलिस शस्त्रागार से लूटे गए पाए गए.” पुलिस के बयान में इस बात पर जोर दिया गया: “सशस्त्र आतंकवादियों पर घात लगाकर हमला नहीं किया गया था बल्कि सुरक्षा बलों की जवाबी गोलीबारी के दौरान वे मारे गए.”
पुलिस ने पुष्टि की कि सीआरपीएफ कांस्टेबल संजीव कुमार घायल हो गए और उनका असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है. हमले में दो नागरिक भी मारे गए – मोधुपुर के मैबाम केशो सिंह (75) और लैशराम बरेल (61), जबकि छह आईडीपी अभी भी लापता हैं. पुलिस के बयान में निष्कर्ष निकाला गया, “जिरीबाम जिले के बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन के अंतर्गत जकुराधोर और उसके आसपास सशस्त्र आतंकवादियों को खदेड़ने के लिए अभियान जारी है.”
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