तंजावुर: तमिलनाडु के तंजावुर जिले (Thanjavur District) में एक सनसनीखेज घटना सामने आई है. जिले के अयमपट्टी गांव (Ayampatti Village) के एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय (Government Primary School) की प्रधानाध्यापिका (Headmistress) पर आरोप है कि उन्होंने कक्षा (Class) में अधिक बात करने वाले छात्रों (Students) के चेहरे पर टेप (Tape) चिपका दिया. घटना में चौथी कक्षा के पाँच छात्रों के चेहरों पर टेप लगाया गया, जिनमें से एक छात्र भी शामिल था.
इस घटना से आहत छात्रों के माता-पिता ने तंजावुर के जिला कलेक्टर के पास शिकायत दर्ज कराई. शिकायत में बताया गया कि घटना 21 अक्टूबर को हुई थी. आरोप है कि बच्चों के मुंह पर लगभग चार घंटे तक टेप लगा रहा, जिससे उन्हें सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ा. हालांकि, इस मामले में प्रधानाध्यापिका और जिला अधिकारी ने इन आरोपों से इंकार किया है.
प्राथमिक विद्यालय के जिला अधिकारी मोतियाझकन ने कहा कि घटना के समय कक्षा शिक्षक अनुपस्थित थे और प्रधानाध्यापिका स्कूल का कामकाज देख रही थीं. उन्होंने दावा किया कि प्रधानाध्यापिका की इस मामले में कोई भूमिका नहीं थी और यह बच्चों के बीच खेल का हिस्सा था. अधिकारी के अनुसार, छात्रों ने स्वयं ही एक-दूसरे के चेहरे पर टेप चिपका दिया था.
स्कूल की प्रधानाध्यापिका पुनिता ने भी इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इस घटना में उनका कोई हाथ नहीं है. उनके अनुसार, बच्चे खेलते समय अपने चेहरे पर टेप लगा रहे थे और किसी ने उनकी तस्वीरें खींचकर सोशल मीडिया पर फैला दीं, जिससे यह मामला गंभीर हो गया.
इस घटना ने विद्यालय में अनुशासन और शिक्षक-छात्र संबंधों को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों को अनुशासित करने के लिए इस तरह के असामान्य और कठोर उपाय नहीं अपनाए जाने चाहिए. शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोगों का कहना है कि शिक्षकों को बच्चों के साथ सहानुभूति से पेश आना चाहिए और उनकी भावनाओं का सम्मान करना चाहिए.
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