नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुलडोजर एक्शन (bulldozer action) पर बुधवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि यह कानून (Law) का उल्लंघन है. किसी मामले पर आरोपी होने या दोषी ठहराए जाने पर भी घर (house) तोड़ना (demolishing) सही नहीं है.
आरोपी एक तो पूरे परिवार को सजा क्यों?
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि बुलडोजर एक्शन का मनमाना रवैया बर्दाश्त नही होगा. अधिकारी मनमाने तरीके से काम नहीं कर सकते. अगर किसी मामले में आरोपी एक है तो घर तोड़कर पूरे परिवार को सजा क्यों दी जाए? पूरे परिवार से उनका घर नहीं छीना जा सकता. बुलडोजर एक्शन दरअसल कानून का भय नहीं होने को दर्शाता है.
कोर्ट ने इससे पहले फैसला पढ़ते हुए कहा था कि घर एक सपने की तरह होता है. किसी का घर उसकी अंतिम सुरक्षा होती है. आरोपी के मामले में पूर्वाग्रह से ग्रसित नहीं हो सकते. सरकारी शक्तियों का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए. अपराध की सजा घर तोड़ना नहीं है. किसी भी आरोपी का घर नहीं गिरा सकते.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved