• img-fluid

    देवउठनी एकादशी पर आज मृत्य लोक की भद्रा का साया, जानें तुलसी विवाह व पूजन का शुभ मुहूर्त

  • November 12, 2024

    नई दिल्ली। देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi 2024) का व्रत 12 नवंबर को रखा जाएगा। इस दिन से सभी शुभ एवं मांगलिक कार्य प्रारंभ (Auspicious and auspicious work begins) हो जाते हैं, हिंदू धर्म में देव उठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi) का विशेष महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी कहा जाता है,इसे प्रबोधिनी या देवोत्थान एकादशी (Prabodhini or Devotthan Ekadashi) के नाम से भी जाना जाता है। इस साल 12 नवंबर को एकादशी मनाई जा रही है। इस दिन से भगवान विष्णु निद्रा से जागते हैं।


    देवउठनी एकादशी पर भद्रा का साया
    इस वर्ष देवोत्थानी एकादशी अर्थात श्री हरि प्रबोधिनी एकादशी व्रत का मान सबके लिए 12 नवंबर दिन मंगलवार को है । एकादशी तिथि का आरंभ 11 नवंबर दिन सोमवार को दिन में 2:40 बजे से आरंभ होकर 12 नवंबर दिन मंगलवार को दिन में 12:26 बजे तक व्याप्त रहेगी। अर्थात सूर्योदय के साथ ही प्राप्त हो रही एकादशी तिथि दिन में 7:02 बजे तक रहेगी । इस दिन सूर्योदय से लेकर दिन में 12:36 बजे मृत्य लोक की भद्रा रहेगी। ऐसे में गन्ने का पूजन कर उसका सेवन दिन में 12:36 बजे के बाद किया जाएगा। क्योंकि मृत्य लोक की भद्रा अशुभ फल प्रदायक होती है। कारण से भद्रा के समाप्ति के बाद ही कोई भी विधि विधान अथवा तुलसी शालिग्राम विवाह उत्सव मनाया जाएगा। परंपरागत रूप से तुलसी शालिग्राम का विवाह उत्सव भी इसी दिन मनाया जाएगा तथा इसका क्रम पूर्णिमा तक चलता रहेगा। एकादशी तिथि में अयोध्या की अंतरगृही परिक्रमा की जाएगी। इस दिन तुलसी शालिग्राम का विवाह करने की अनंत काल से परंपरा है और इस विवाह का शास्त्रों में बहुत ही बड़ा महत्व बताया गया है।

    ऐसे की जाती है देवउठनी एकादशी की पूजा
    नारद पुराण में कार्तिक शुक्ल पक्ष एकादशी का महत्व बहुत ही सुंदर बताया गया है । कार्तिक शुक्ल पक्ष एकादशी को प्रबोधनी कहते हैं । उस दिन उपवास करके चीर निद्रा में सोए हुए भगवान श्री हरि विष्णु को गीत आदि मांगलिक उत्सव द्वारा जगाए। उस दिन उस समय ऋग्वेद, यजुर्वेद और सामवेद के विविध मंत्रों तथा नाना प्रकार की विधियों के द्वारा भगवान श्री हरि विष्णु को जगाना परम पुण्य दायक होता है। द्राक्षा, ईख, अनार, केला, सिंघाड़ा आदि वस्तुएं भगवान को अर्पित करनी चाहिए। तत्पश्चात रात बीतने पर दूसरे दिन सवेरे स्नान और नित्य कर्म से निवृत्त होकर पुरुष सूक्त के मंत्रों द्वारा भगवान गदा दामोदर की षोडशोपचार पूजा करनी चाहिए। फिर ब्राह्मणों को भोजन करा कर उन्हें दक्षिणा से संतुष्ट करके विदा करें । इसके बाद आचार्य से आशीर्वाद ग्रहण करना चाहिए। इस प्रकार जो भक्ति और आदर पूर्वक प्रबोधिनी एकादशी का व्रत करता है। उसे परम पुण्य एवं अक्षय वैभव की प्राप्ति होती है तथा वह इस लोक में श्रेष्ठ भोगों का उपभोग करते हुए अंत में वैष्णो पद को प्राप्त करता है।

    देवउठनी एकादशी का क्या है महत्व
    शास्त्रों के अनुसार, देवउठनी एकादशी के दिन ही जगत के पालनहार भगवान विष्णु चार महीने बाद योग निद्रा से जागते हैं और पुन: सृष्टि का कार्यभार संभालते हैं, भगवान शालीग्राम और माता तुलसी के विवाह का भी प्रावधान है। प्रत्येक वर्ष सृष्टि के पालनहार श्री हरि विष्णु जी आषाढ़ शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि जिसे हरिशयनी एकादशी भी कहा जाता है । हरिशयनी एकादशी के दिन भगवान श्री हरि विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं। परिणाम स्वरूप विवाह आदि के लिए शुभ योगों एवं मुहूर्तो का अभाव हो जाता है।तब से लेकर के प्रबोधिनी एकादशी अर्थात कार्तिक शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि 12 नवंबर 2024 दिन मंगलवार तक विवाह आदि के लिए शुभ मुहूर्त समाप्त हो गए थे। अब प्रबोधिनी एकादशी के दिन भगवान श्री हरि विष्णु की विधिवत पूजन अर्चन करके उनको योगनिद्रा से जगाया जाएगा।

    देवउठनी एकादशी के दिन क्या करें, क्या न करें
    भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। एकादशी के दिन सात्विक भोजन करना चाहिए। इस दिन मांस-मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। देवउठनी एकादशी के दिन शालीग्राम और माता तुलसी का विवाह होता है, इसलिए इन दिन तुलसी के पत्तों को तोड़ने की मनाही होती है। एकादशी के दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन किसी की बुराई नहीं करनी चाहिए, माना जाता है कि इससे माता लक्ष्मी नाराज होती है।

    Share:

    झारखंड में कल 43 सीटों के लिए वोटिंग, इन दिग्गजों पर रहेगी नजर; जानिए ये खास तैयारियां

    Tue Nov 12 , 2024
    रांची । झारखंड विधानसभा चुनाव(Jharkhand Assembly Elections) के पहले चरण में 43 विधानसभा सीटों (43 assembly seats)के लिए 13 नवंबर को वोट डाले (vote on 13 november)जाएंगे। इनमें 31 विधानसभा क्षेत्रों के 950 मतदान केंद्र ऐेसे हैं, जहां सुबह सात से शाम चार बजे तक मतदान होगा, जबकि सभी 43 विधानसभा के 14,394 मतदान केंद्रों […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    मंगलवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved