नई दिल्ली. पूर्व कांग्रेस नेता (Former Congress leader) और कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम (Acharya Pramod Krishnam) ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष (Congress President) मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) द्वारा मुख्यमंत्री (CM) योगी आदित्यनाथ (yogi adityanath) पर की गई टिप्पणी को लेकर निशाना साधा. उन्होंने खड़गे की आलोचना करते हुए कहा कि सच्चा हिंदू संत महात्माओं का अपमान नहीं कर सकता. दरअसल, खड़गे ने नागपुर में एक चुनावी रैली में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पर उनके ‘बटेंगे तो कटेंगे’ नारे के लिए निशाना साधते हुए कहा था कि ये विभाजनकारी बयान है.
इसके एक दिन बाद झारखंड की एक चुनावी रैली में उन्होंने कहा, “एक सच्चा योगी ‘बटेंगे तो कटेंगे’ जैसी भाषा का इस्तेमाल नहीं कर सकता. इस भाषा का इस्तेमाल आतंकवादी करते हैं. योगी एक मठ के प्रमुख हैं, भगवा वस्त्र पहनते हैं, लेकिन ‘मुंह में राम बगल में छुरी’ में विश्वास करते हैं. जो लोग वास्तव में एकजुट देश चाहते हैं, उन्हें इस तरह के बयानों से बचना चाहिए.”
न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कृष्णम ने कहा, “मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम से तो लगता है कि वो हिंदू हैं लेकिन काम से नहीं लगता कि वो हिंदू हैं. उन्हें बताना चाहिए कि वो हिंदू हैं या नहीं. क्योंकि कोई भी हिंदू संत महात्माओं का अपमान नहीं कर सकता. जिस तरह से खड़गे जी बयान दे रहे हैं, उससे लगता है कि उन्हें सनातन से बैर है. और मुझे नहीं लगता कि जो सनातन से बैर रखता है उसे भारत में राजनीति में करने का अधिकार है.”
उन्होंने आगे कहा, “जो सनातन के खिलाफ है वो भारत के खिलाफ है और जो भारत के खिलाफ है वो ही सनातन के खिलाफ है. खड़गे जी इतने वर्षिठ नेता हैं. हिंदू संतों का अपमान, सनातन का अपमान, भगवा का अपमान… ये उन्हें शोभा नहीं देता. ये ऋषि प्रधान देश है. भारत के ऋषि-मुनि संतों ने इस देश के निर्माण में बड़ी भूमिका निभाई है. योगी आदित्यनाथ एक नेता हैं लेकिन एक साधू हैं, एक संत हैं. उनके बारे में इस तरह की टिप्पणी करना खड़गे जी को शोभा नहीं देता. ये दुर्भाग्य के विपक्ष का.”
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