इंदौर (Indore)। कल से विवाह जैसे मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे, जिसके लिए जिला प्रशासन ने बाल विवाह रोकने पर अपनी कड़ी नजर बनाई हुई है। दो दल जहां शहर में तो परियोजना स्तर पर एक-एक दल तैनात किया गया है। कल से शुरू हो रहे मांगलिक कार्यों व विवाह समारोह को लेकर जिला प्रशासन एवं महिला बालविकास विभाग ने कलेक्टर कार्यालय में कंट्रोल रूम की स्थापना कर दी है। होने वाले बाल विवाह को रोकने के लिए जहां हेल्पलाइन नं. जारी किया गया है, वहीं शिकायत मिलते ही मौके पर पहुंचने के लिए उडऩदस्ते की तैनाती भी कर दी गई है। जिला प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार ग्रामीण व शहर की कई निचली बस्तियों में अब भी गुपचुप तरीके से बाल विवाह कराए जा रहे है, जिस पर जिला प्रशासन सख्त नजर बनाए हुए है।
बालविवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत शिकायत मिलते ही कलेक्टर द्वारा गठित दल के सदस्य मौके पर पहुंचकर जहां परीक्षण करेंगे, वहीं समझाइश देकर विवाह निरस्त करने की कार्रवाई भी करेंगे। यदि समझाइश के बाद भी कोई परिवार नहीं मानता है तो उनके खिलाफ अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज करने की कार्रवाई की जाएगी। जिला कार्यक्रम अधिकारी रामनिवास बुधोलिया ने बताया कि बाल विवाह रोकने के लिए जिला स्तर पर जहां दो दलों का गठन किया गया है, वहीं परियोजना स्तर पर सभी अधिकारियों की निगरानी में एक-एक दल गठित किए गए हैं। प्रत्येक तहसील में उच्च अधिकारियों के साथ-साथ आंगनवाडी कार्यकर्ताओं को सतर्क रहने के निर्देश जारी किए गए हैं।
पिछले साल भी मिले थे 25 प्रकरण
महिला एवं बालविकास विभाग के कंट्रोल रूम पर मिली शिकायतों के बाद कार्रवाई के दौरान बाल विवाह करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी, जिसमें तीन प्रकरणों पर माता-पिता, परिवारजन, सास-ससुर के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया था, वहीं इंदौर जिले में 25 बाल विवाह के प्रकरण सामने आए थे, जिनमें समझाइश देकर विवाह रोकने की कार्रवाई की गई थी। उक्त सभी मामलों मे नाबालिगों के लिविंग में रहने के प्रकरण भी संज्ञान में आए थे। दो मामलों में हाल ही में बच्चे के जन्म लेने के बाद उसके संरक्षण का प्रकरण भी चल रहा है।
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