नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल (GST Council) की 55वीं बैठक अगले महीने राजस्थान में होने वाली है। इसपर सभी लोगों की नजर टिकी हुई हैं। आम आदमी (Common man) के लिहाज से देखा जाए तो हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम (Health and life insurance premium) (किस्त) में राहत मिल सकती है। दोनों ही बीमा के प्रीमियम पर लगने वाली 18 फीसद जीएसटी की दर (18 percent GST rate) को कम करने पर फैसला होना है। साथ ही जीएसटी की मौजूदा दरों को तर्कसंगत बनाने संबंधी बड़ा फैसला भी होने की संभावना है।
मामले से जुड़े जानकारों का कहना है कि बैठक मुख्य तौर पर स्वास्थ्य और जीवन बीमा जैसे विषयों पर केंद्रित होगी। मंत्री समूह दोनों ही बीमा पर जीएसटी रेट को कम करने को लेकर अपनी रिपोर्ट सौंप चुका है। सूत्रों का कहना है कि समूह ने 5 लाख तक के बीमा पर जीएसटी की दरों को हटाने का फैसला लिया है, लेकिन जानकार बताते हैं कि पांच लाख रुपये से अधिक के बीमा पर जीएसटी की दरों को मौजूदा स्तर से घटाने का फैसला लिया जा सकता है। मौजूदा समय में 18 फीसदी जीएसटी लिया जाता है, लेकिन जीएसटी परिषद इसे घटाकर 12 फीसदी या उससे कम करने का भी फैसला ले सकती है।
राज्यों में बनी सहमति
कई राज्य इस बात के पक्ष में है कि आम नागरिक स्वास्थ्य और जीवन बीमा भविष्य की सुरक्षा को ध्यान में रखकर कराता है, जिस पर सरकार को लोगों से कर नहीं लेना चाहिए। लेकिन कुछ राज्यों को तर्क है कि जीएसटी पूरी तह से हटाए जाने से राज्यों को राजस्व के तौर पर नुकसान होगा। पांच लाख रुपये तक के बीमा पर जीएसटी को हटाए जाने से ही करीब 2100 करोड़ रुपये का राजस्व प्रभावित होने का अनुमान है। ऐसी स्थिति में बीच का रास्ता निकाल कर पांच लाख से अधिक के बीमा पर जीएसटी की दरों को कम किया जा सकता है।
सरकार को मिलता है मोटा राजस्व
स्वास्थ्य व जीवन बीमा के जरिए जीएसटी के तौर पर केंद्र व राज्य सरकारों के खजाने में मोटा पैसा जाता है। आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम करीब 90,032 करोड़ रुपये था, जिसमें व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम का योगदान 35,300 करोड़ रुपये था। अब इस पर वर्तमान 18 प्रतिशत जीएसटी रेट को जोड़ा जाए तो व्यक्तिगत प्रीमियमों से 6,354 करोड़ रुपये का टैक्स वसूला गया। इसलिए अंतिम फैसला लेने से पहले सारी स्थितियों का अध्ययन किया जाएगा।
जीएसटी की दरों को तर्क संगत बनाने पर भी होगी चर्चा
मंत्रियों का समूह (जीओएम) जीएसटी की मौजूदा दरों को तर्कसंगत बनाने पर भी काम कर रहा है। मौजूदा समय में देश के अदर जीएसटी की चार सामान्य कर दरें या स्लैब है, जिनमें 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत शामिल है। बीते महीने बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता वाले नवगठित मंत्री समूह की बैठक हुई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि जीएसटी रेट को तर्कसंगत बनाने संबंधी अंतिम निर्णय लेने से पहले अतिरिक्त विचार-विमर्श किया जाएगा। समूह को कई तरह के सुझाव मिले हैं, जिन पर विचार किया जा रहा है। सभी पक्षों के सुझावों के आधार पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
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