• img-fluid

    एलन मस्क भारत में स्टारलिंक के जरिए देंगे सर्विस, जियो और एयरटेल की बढेंगी मुसीबतें

  • November 10, 2024

    नई दिल्ली। अमेरिका (America) में एलन मस्क (elon musk) ने डोनाल्ड ट्रंप (donald trump) को राष्ट्रपति चुनाव जिताने के लिए काफी मेहनत की है. उन्होंने न केवल ट्रंप का खुलकर समर्थन (Open support for Donald Trump) किया, बल्कि भारी मात्रा में डोनेशन भी दिया. ट्रंप की जीत की खुशी के बाद मस्क के लिए भारत से अच्छी खबर आई है. सैटेलाइट इंटरनेट प्रोवाइडर कंपनी स्टारलिंक के मालिक मस्क भारत में भी अपनी सर्विस लाना चाहते हैं. भारत सरकार के ताजा फैसले से उनके लिए भी दरवाजे खुल जाएंगे. कम्युनिकेशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सैटेलाइट ब्रॉडबैंड के लिए स्पैक्ट्रम आवंटन पर बड़ा ऐलान किया है.

    ज्योतिरादित्य सिंधिया कहा कि सैटेलाइट ब्रॉडबैंड के लिए स्पेक्ट्रम का आवंटन किया जाएगा, न कि नीलामी की जाएगी. भारत की मुख्य टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो के मुकेश अंबानी और एयरटेल सुनील मित्तल ने भी इसकी मांग की है. दोनों भारतीय अरबपति बिजनेसमैन की मांग के अनुरूप स्पैक्ट्रम का आवंटन किया जा सकता है. कम्युनिकेशन मिनिस्टर ने साफ किया है कि सैटेलाइट ब्रॉडबैंड स्पेक्ट्रम मुफ्त नहीं दिया जाएगा. टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) इसके लिए कीमत तय करेगी.



    सिंधिया ने कहा कि हरेक देश को इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन (आईटीयू) का पालन करना होगा, जो स्पेस या सैटेलाइट्स में स्पेक्ट्रम के लिए पॉलिसी तैयार करने वाली ऑर्गेनाइजेशन है, और आईटीयू असाइनमेंट के आधार पर स्पेक्ट्रम दिए जाने के मामले में बहुत स्पष्ट रहा है. उन्होंने आगे कहा कि अगर आप आज दुनिया भर में देखें, ऐसा कोई देश नहीं दिखता जो सैटेलाइट के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी करता हो. भारत डिजिटल टेक्नोलॉजी के लिए यूनाइटेड नेशंस एजेंसी, इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन (आईटीयू) का सदस्य है. मस्क की स्टारलिंक और अमेजन के प्रोजेक्ट कुइपर जैसे ग्लोबल काउंटरपार्ट्स ने प्रशासनिक आवंटन का समर्थन किया है.

    अंबानी की रिलायंस जियो, स्पेक्ट्रम को नीलामी के जरिए आवंटित करने की जरूरत के बारे में मुखर रही है, ताकि उन पुराने ऑपरेटर्स को समान अवसर मिल सके, जो एयरवेव्स खरीदते हैं और टेलीकॉम टावर जैसे बुनियादी ढांचे की स्थापना करते हैं. मित्तल ने पिछले महीने एक इंडस्ट्रीज इवेंट समारोह में, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे, इस तरह के आवंटन के लिए बोली लगाने की जरूरत पर जोर दिया था.



    जियो और मित्तल की भारती एयरटेल – जो क्रमशः भारत की सबसे बड़ी और दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम ऑपरेटर कंपनी हैं, का मानना ​​है कि सरकार द्वारा पहले से तय कीमत पर पर सैटेलाइट ब्रॉडबैंड एयरवेव देने से असमान प्रतिस्पर्धा का माहौल पैदा होगा, क्योंकि उन्हें अपने टेरेस्ट्रियल वायरलेस फोन नेटवर्क के लिए स्पेक्ट्रम हासिल करने के लिए नीलामी में मुकाबला करना होगा.

    जियो और एयरटेल, दोनों कंपनियां सैटेलाइट ब्रॉडबैंड क्षेत्र में भी हिस्सेदारी के लिए होड़ में हैं. वहीं, एलन मस्क के मालिकाना हक वाली स्टारलिंक ग्लोबल ट्रेंड के अनुसार लाइसेंस के प्रशासनिक आवंटन की मांग कर रही है, क्योंकि वह दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते मोबाइल टेलीफोन और इंटरनेट बाजार में एंट्री करना चाहती है.

    Share:

    इस शहर यह कैसा दौर...बच्चों के हाथों मरता इंदौर

    Sun Nov 10 , 2024
    इस शहर मेें मासूमियत इतनी बर्बर कैसे हो गई… जिन बच्चों के हाथों में किताब और कलम होना चाहिए, वो चाकू चला रहे हैं… इतने बर्बर और आक्रामक हो गए हैं कि लोगों की जान लेने से नहीं कतरा रहे हैं… छोटी-छोटी बातों पर खंजर निकाल रहे हैं… पिछले दिनों केवल दो दिन के अंतराल […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    गुरुवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved