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    बैंड-बाजा…घोड़ी-बग्घी…टेंटवालों के साथ मैरिज गार्डन संचालकों को भी कलेक्टर ने किया तलब

  • November 08, 2024

    • देवउठनी ग्यारस से शुरू हो जाएंगे विवाह
    • बाल विवाह रोकने के लिए जिला प्रशासन की टीम तैयार, लेकिन 20 से शुरू होगी जागरूकता

    इंदौर। पिछले कुछ वर्षों में सामने आए बाल विवाह के मामले और उनमें की गई कानूनी कार्रवाई को देखते हुए कलेक्टर ने जागरूकता के लिए पहल करने की शुरुआत कर दी हैं। 20 नवंबर को कलेक्टर कार्यालय में बैंड-बाजा, घोड़ी-बग्घी, टेंटवालों के साथ मैरिज गार्डन उपलब्ध कराने वालों को तलब किया गया है।

    इंदौर जिले को बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए कलेक्टर आशीष सिंह जागरूकता की शुरुआत कर रहे हैं। 12 नवंबर को देवउठनी ग्यारस से विवाह व मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे, जिसे देखते हुए उनके निर्देश पर जिले में बाल विवाह रोकथाम को लेकर प्रभावी कार्रवाई की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्र सहित शहर के आउटर इलाकों में सबसे ज्यादा मामले बाल विवाह के सामने आते हैं, वही परदेसीपुरा, भागीरथपुरा, पाटनीपुरा जैसे क्षेत्रों में भी गुपचुप तरीके से बाल विवाह के मामले उजागर हुए हैं, जिसे देखते हुए सीईओ जिला पंचायत सिद्धार्थ जैन ने सभी सेवा प्रदाताओं की एक कार्यशाला आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। महिला एवं बालिका विभाग द्वारा 20 नवंबर को कलेक्टर कार्यालय के कक्ष क्रमांक 210 में इस कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।

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    रिश्तेदारों के साथ हवाई टेंटवाला और पंडित भी गुनहगार
    जिला कार्यक्रम अधिकारी रामनिवास बुधौलिया ने बताया कि बाल विवाह प्रतिशत अधिनियम में बाल विवाह होने पर विवाह में शामिल होने वाले सभी रिश्तेदारों के अतिरिक्त सेवा प्रदाता, प्रिंटिंग प्रेस, हलवाई, मैरिज गार्डन संचालक, घोड़ीवाला, बेंडवाला, रसोईवाला, टेंटवाला, समाज के अध्यक्ष, समितिया, आयोजन में उपयोग होने वाले होटल के अतिरिक्त विवाह कराने वाले पंडित, मौलवी और धर्मगुरुओं को भी दोषी माना गया है। कार्यशाला के माध्यम से उक्त सभी सेवा प्रदाताओं को जागरूक किया जाएगा, ताकि ये भी होने वाले विवाह समारोह में कम उम्र के बालक बालिकाओं के विवाह ना तो करवाए और ना ही उसमें अपनी कोई सेवा दे। बाल विवाह की अधिनियम के अनुसार बाल विवाह में शामिल होने वाले रिश्तेदारों और मेहमानों को भी दोषी बनाया जाता है, इसलिए यदि कहीं ऐसे आयोजन देखें या रिश्तेदारों में बाल विवाह की सूचना पाए तो तुरंत विभाग को सूचित करें या चाइल्ड हेल्पलाइन के माध्यम से बाल विवाह रुकवाने में मदद करें।

    देर से जागा प्रशासन, समय ही नहीं
    दीपावली के बाद देवउठनी ग्यारस से ही विवाह वह मांगलिक कार्यों का आयोजन शुरू हो जाता है 12 नवंबर से विवाहों की शुरुआत हो जाएगी लेकिन जिला प्रशासन प्रोटोकॉल और मुख्यमंत्री के विभिन्न आयोजनों की तैयारी में झूठे होने के कारण किशोर ध्यान ही नहीं दे पाया अब समय भी जाने के बाद 20 नवंबर को जागरूकता शिविर आयोजित किया जाएगा। कई विवाह समारोह के कार्ड प्रिंटिंग प्रेस में छापने के लिए चले गए हैं, वहीं कई मांगे का आयोजनों के लिए परिसर भी बुक किया जा चुके हैं। अब ऐसे में प्रशासन देर आए, दुरुस्त आए की तर्ज पर ही काम कर पाएगा।

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