इंदौर। शहर के जिस कॉलेज में पढ़-लिखकर वह सब डॉक्टर, सर्जन , विशेषज्ञ बने। यह सब सालों से देश और विदेश में अपने इंदौर का नाम रोशन करते आ रहे हैं। आज वही सब पुराने स्टूडेंट्स डॉक्टर्स साथी 50 साल बाद महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज इंदौर की मिट्टी को माथे से लगाने आ रहे हैं।
यह सभी 100 डॉक्टर्स साल 1974 की बैच के संगी -साथी हैं। इनमें कुछ साथी जहां विदेशों के मेडिकल कॉलेज में डीन है तो वहीं 20 से ज्यादा साथी विदेशों में सर्जन और नामचीन विशेषज्ञ हैं। डॉक्टर विजय छजलानी ने बताया कि आज से गोल्डन जुबली प्रोगाम के साथ शुरू पचास सालाना यादों के सफर का कारवां तीन दिन तक चलेगा । इसमें देश के लगभग 80 डॉक्टर्स के अलावा विदेशों से यानी अमेरिका, कनाडा, यूके के अलावा खाड़ी देशों से 20 से ज्यादा विशेषज्ञ सर्जन और विदेशी मेडिकल कॉलेज के डीन भी शामिल हो रहे हैं।
इंडियन आर्मी के मेजर ब्रिगेडियर डॉक्टर्स भी शामिल
इस जुबली प्रोग्राम के दौरान शिकागो से डॉक्टर नूतन आत्रे, ओहियो से डॉक्टर सुनीता गुप्ता, फ्लोरिडा से डॉक्टर्स अनिल भाटिया और यूएसए से मनोचिकित्सक डॉक्टर सुनील गुप्ता, डॉक्टर अनी भाटिया, इंग्लैंड से सर्जन गोविंद सिंघानिया सहित स्टैनफोर्ड की डॉक्टर रजनी अग्रवाल, कनाडा से डॉक्टर प्रकाश नागर शामिल हैं। इसके अलावा इंडियन आर्मी में मेजर डॉक्टर जेकेएस परिहार, ब्रिगेडियर डॉक्टर गजानन भिड़े भी मौजूद रहेंगे।
48 घण्टे रिसोर्ट में बिताएंगे
आयोजक डॉक्टर्स के अनुसार आज मेडिकल कॉलेज में शाम तक चलने वाले गोल्डन जुबली प्रोग्राम के बाद सभी डॉक्टर्स यानी संगी-साथी एक निजी रिसोर्ट में 48 घण्टे तक साथ रहकर नाइट कल्चर प्रोग्राम में गीत-संगीत के साथ कॉलेज में बिताए पुराने संस्मरण और यादें ताजा करेंगे।
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