नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के प्रयागराज (Prayagraj) में आयोजित होने वाले महाकुंभ मेले से पहले ही संतों के बीच घमासान हो गया. दो धड़ों में बंटे अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (All India Arena Council) के संतों के बीच बृहस्पतिवार को मारपीट हो गई। इससे काफी देर तक अफरातफरी मची रही। दारागंज में पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी (Panchayat Arena Sri Niranjani) में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्रपुरी (Ravindrapuri) की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया। इसी तरह दारागंज में ही श्री पंचायती अखाड़ा निर्मोही में महंत राजेंद्र दास की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक के दौरान दोनों धड़ों के संतों में पहले कहासुनी हुई। इसके बाद मारपीट हो गई। इससे काफी देर तक अफरातफरी का माहौल रहा।
अखाड़ा परिषद के दोनों धड़ों के संत भूमि आवंटन की मांग को लेकर बृहस्पतिवार को प्रयागराज मेला प्राधिकरण कार्यालय पहुंचे थे। बताया जाता है कि इस दौरान निर्मोही अखाड़े के महंत राजेंद्र दास से कुछ संतों से कहासुनी हो गई, जो देखते ही देखते मारपीट में बदल गई। इससे मेला कार्यालय पर अफरातफरी मच गई। मौके पर जूना अखाड़े के संरक्षक और अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरि ने बीच बचाव कर मामला शांत कराया।
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष पद को लेकर संतों के दो धड़ों में काफी दिनों से विवाद चल रहा है। अखाड़ों और साधुओं को अपने पक्ष में करने के लिए रस्साकसी चल रही है। दूसरा धड़ा अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र गिरि को अध्यक्ष मानने के लिए तैयार नहीं है। दूसरे धड़े ने बुधवार को शाही स्नान और पेशवाई आदि मुगलकालीन शब्दों को बदलकर कुंभ छावनी प्रवेश और कुंभ अमृत स्नान नाम करण कर दिया है।
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