मुंबई। महाराष्ट्र (Maharashtra) में महाविकास अघाड़ी (Mahavikas Aghadi) की ओर से आज साझा मेनिफेस्टो (Manifesto.) जारी किया जा सकता है। इससे पहले सीएम एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) ने महायुति की तरफ से बड़े वादों की झड़ी लगा दी है। मंगलवार को एक रैली में उन्होंने 10 बड़े वादे कर दिए, जिसका पूरे राज्य में चुनावी असर दिख सकता है। एकनाथ शिंदे ने सबसे बड़ा वादा लड़की बहिन योजना (Girl sister plan) को लेकर किया, जिसका राज्य में काफी असर देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि हम सत्ता में वापस लौटे तो इस स्कीम के तहत अब 2100 रुपये प्रति माह महिलाओं (Rs 2100 per month for women) को दिए जाएंगे। अब तक इस योजना के तहत प्रति माह 1500 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है।
इसके अलावा एकनाथ शिंदे ने कई अन्य सामाजिक योजनाओं, नौकरियों और ग्रामीण विकास से जुड़े वादे। एकनाथ शिंदे जब ऐलान कर रहे थे, तब डिप्टी सीएम अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद थे। कोल्हापुर में पहली साझा चुनावी रैली करते हुए एकनाथ शिंदे ने वादों की झड़ी लगा दी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह तो अभी ट्रेलर है। अगले कुछ दिनों में जब मेनिफेस्टो आएगा तो पूरी फिल्म दिखेगी। एकनाथ शिंदे ने ऐलान किया कि सत्ता में वापसी के बाद लड़की बहिन योजना के तहत 2100 रुपये प्रति माह मिलेंगे। इसके अलावा किसानों की कर्ज माफी भी की जाएगी।
वहीं किसानों के लिए चल रही शेतकारी सम्मान स्कीम के तहत भी सालाना 12 हजार की बजाय 15000 रुपये देने का ऐलान किया। वहीं कृषि उत्पादों की लागत पर एमएसपी की 20 फीसदी छूट दी जाएगी। महायुति के 10 उम्मीदवारों के लिए की गई साझा रैली में एकनाथ शिंदे ने कहा कि यह तो ट्रेलर है। हम जल्दी ही पूरी पिक्चर रिलीज करेंगे। वरिष्ठ नागरिकों की पेंशन को भी सीएम ने 1500 से बढ़ाकर 2100 रुपये करने का ऐलान किया है। यही नहीं सोलर की तरफ मूव करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए स्कीम लाई जाएगी। सीएम ने कहा कि हम बिजली बिलों पर 30 फीसदी की सब्सिडी देंगे।
अब MVA करेगा क्या ऐलान, सबकी रहेगी नजर
दरअसल एकनाथ शिंदे और भाजपा का यह बड़ा दांव माना जा रहा है। पहले से चर्चा थी कि कांग्रेस, उद्धव सेना और शरद पवार का गठबंधन महिलाओं के लिए किसी स्कीम का ऐलान करेंगे और उसमें 2000 रुपये तक देने का वादा हो सकता है। इसके अलावा किसानों की कर्ज माफी को लेकर भी चर्चा थी। ऐसे में महायुति ने पहले ही ऐलान कर दिए ताकि महाविकास अघाड़ी के घोषणा पत्र का जनता पर ज्यादा असर न रहे। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस, उद्धव सेना और शरद पवार की एनसीपी के साझा मेनिफेस्टो में क्या ऐलान किए जाते हैं।
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