वॉशिंगटन । अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव (US Presidential Election)में डोनाल्ड ट्रंप (donald trump)की जीत के बाद उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार (Vice Presidential Candidate)जेडी वेंस की जीत(JD Vance Wins) के साथ एक और ऐतिहासिक पल (Historical moment)सामने आया है। इस जीत के बाद जेडी वेंस की पत्नी उषा चिलुकुरी वेंस अब अमेरिका की पहली भारतीय मूल की ‘सेकंड लेडी’ बनने जा रही हैं। आंध्र प्रदेश के एक छोटे से गांव से संबंध रखने वाली उषा वेंस अब इस ऐतिहासिक भूमिका को निभाने वाली हैं।
उषा वेंस का जन्म अमेरिका में हुआ था, और उन्होंने येल लॉ स्कूल से अपनी शिक्षा प्राप्त की। एक कुशल वकील और अपने क्षेत्र में प्रतिष्ठित, उषा का परिवार भारतीय मूल का है। शिक्षा में उनकी सफलता के साथ-साथ, उन्होंने अपने परिवार, समुदाय और अपनी जड़ों से जुड़ा रहना भी महत्वपूर्ण समझा। 2014 में उषा ने जेडी वेंस से शादी की और अब उनका तीन बच्चों का एक प्यारा परिवार है।
डोनाल्ड ट्रंप ने एक चुनावी रैली के दौरान जेडी वेंस को उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में बधाई दी और उषा वेंस की भी प्रशंसा करते हुए कहा- उषा वेंस असाधारण और खूबसूरत महिला हैं।
भारत से गहरा संबंध, गांव में प्रार्थनाओं का दौर
उषा वेंस का परिवार अमेरिका में रहते हुए भी हमेशा अपने भारतीय गांव वडलुरु से जुड़ा हुआ है। उनके पूर्वजों ने गांव में साईं बाबा, लक्ष्मी नरसिंह स्वामी और बाल सीता मंदिर के लिए भूमि दान की थी। उषा के पिता, चिलुकुरी राधाकृष्णन ने तीन साल पहले गांव का दौरा किया था। अब वहां उषा वेंस की सफलता के लिए विशेष प्रार्थनाएं की जा रही हैं। आंध्र प्रदेश के वडलुरु के लोग उम्मीद कर रहे हैं कि उषा की सफलता से भारत और अमेरिका के रिश्तों में एक नई मजबूती आएगी।
प्रवासी भारतीयों के लिए भी गर्व का पल
उषा वेंस की कहानी अमेरिकी समाज में बढ़ते भारतीय समुदाय की शक्ति और प्रभाव का प्रतीक है। 2010 से 2020 के बीच भारतीय मूल के लोगों की संख्या में 50% का इजाफा हुआ है, और अब यह समुदाय अमेरिका का दूसरा सबसे बड़ा एशियाई जातीय समूह बन चुका है। उषा वेंस की उपलब्धि न केवल उनके लिए बल्कि समस्त भारतीय समुदाय के लिए गर्व का पल है। आशा है कि भारतीय प्रवासी भविष्य में भारत-अमेरिका संबंधों को नए आयाम दे सकेंगे।
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