मालेगांव: मालेगांव ब्लास्ट मामला एक बार फिर से चर्चा में हैं, क्योंकि इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA (National Investigation Agency (NIA)) ने भोपाल की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर (Sadhvi Pragya Singh Thakur) को जमानती वारंट जारी किया है. साध्वी प्रज्ञा 2008 के मालेगांव ब्लास्ट मामले में आरोपी हैं, उनके खिलाफ दूसरी बार जमानती वारंटी जारी किया गया है. कोर्ट का कहना है कि मामले की फाइनल बहस चल रही है और आरोपी का कोर्ट में होना आवश्यक है, क्योंकि वह सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद नहीं थी.
दरअसल, पूर्व सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर पिछले कुछ महीनो से मेडिकल के आधार पर अदालत में पेश नहीं हुई है, जिसके बाद कोर्ट की तरफ से यह वारंट जारी किया गया है. वहीं उनके वकील ने कोर्ट को बताया कि मालेगांव विस्फोट प्रतिबंधित स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) की तरफ से किया गया हो, उनका दावा था कि मालेगांव के भीकू चौक पर हुए विस्फोट के बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस को अंदर जाने से रोका था. हो सकता है स्थानीय लोगों ने ऐसा आरोपियों को बचाने के लिए किया हो.
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के वकील ने जेपी मिश्रा ने कोर्ट में दलील दी है कि प्रज्ञा ठाकुर का स्वास्थ्य ठीक नहीं है, जिसके चलते उन्हें कोर्ट में सुनवाई से छूट दी जाए. उनकी तरफ से डॉक्टर का पत्र भी कोर्ट ने जारी किया था. लेकिन कोर्ट का कहना है कि इस सुनवाई के दौरान उनका यह होना जरूरी है. इसलिए यह वारंट जारी किया गया है. बता दें कि इससे पहले मार्च में भी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ वारंट जारी हुआ था.
दरअसल, यह मामला महाराष्ट्र के मालेगांव शहर से जुड़ा है, जहां. 29 सितंबर, 2008 को मालेगांव में बम विस्फोट हुआ था, इस घटना में 6 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. इस घटना की जांच एनआईए को सौंपी गई थी, जबकि प्रारंभिक जांच महाराष्ट्र एटीएस की तरफ से हुई थी. इसी मामले में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर से महाराष्ट्र एटीएस ने लंबी पूछताछ की थी और उन्हें आरोपी बनाया था. इसी मामले की फिलहाल जांच चल रही है.
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