नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर विधानसभा (Jammu and Kashmir Legislative Assembly) में आर्टिकल 370 को बहाल करने का प्रस्ताव (Proposal to restore Article 370) ध्वनिमत से पारित कर दिया गया है। जिसके बाद विधानसभा में जमकर हंगामा देखने को मिला। केंद्र शासित प्रदेश में बीजेपी के विधायकों ने प्रस्ताव की प्रतियां फाड़ डालीं। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार विधायकों ने इस दौरान जम्मू कश्मीर की नेशनल कॉन्फ्रेंस वाली उमर अब्दुल्ला सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।
भाजपा विधायकों ने ‘5 अगस्त जिंदाबाद’, ‘वंदे मातरम’, ‘जय श्रीराम’, ‘पाकिस्तानी एजेंडा नहीं चलेगा’, ‘जम्मू कश्मीर विरोधी एजेंडा नहीं चलेगा’, ‘देश विरोधी एजेंडा बर्दाश्त नहीं होगा’ और ‘स्पीकर हाय-हाय’ के नारे लगाए। जिसके कारण सदन की कार्रवाई में कई बार व्यवधान देखने को मिला। आखिर में सदन को स्थगित कर दिया गया। इस दौरान नेशनल कॉन्फ्रेंस और बीजेपी के विधायक आमने-सामने भी आ गए। एक-दूसरे पर जमकर कटाक्ष किए।
बीजेपी नेता सुनील शर्मा ने स्पीकर के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए। शर्मा ने कहा कि आपने पक्षपात किया है। कल शाम को मंत्रियों की बैठक बुलाई थी, इसकी रिपोर्ट हमारे पास है। खुद ही आप लोगों ने मसौदा तैयार कर लिया। शाम लाल शर्मा ने कहा कि सब कुछ गेस्ट हाउस में तय किया गया। इसमें अध्यक्ष की मिलीभगत है। जनादेश भी धारा-370 को हटाने के पक्ष में मिला है। विधायक ने दावा किया कि चुनाव में बीजेपी को 26 और नेकां को 23 फीसदी वोट मिले हैं। इससे पहले जम्मू-कश्मीर के डिप्टी सीएम सुरिंदर चौधरी ने 5 अगस्त 2019 को केंद्र की ओर से निरस्त किए गए विशेष राज्य के दर्जे को बहाल करने के लिए प्रस्ताव रखा। वहीं, अनुच्छेद 370 की बहाली का प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित हुआ।
प्रस्ताव में विधानसभा विशेष दर्जे और संवैधानिक गारंटी के महत्व की पुष्टि करती है, इस बात का जिक्र किया गया था। यह अनुच्छेद जम्मू कश्मीर के लोगों के अधिकारों और संस्कृति की रक्षा करता है, जिसे केंद्र ने एकतरफा तरीके से हटा दिया। प्रस्ताव में केंद्र सरकार से मांग की गई कि विशेष दर्जे और संवैधानिक गारंटी की बहाली के लिए चुनी सरकार से बातचीत की जाए। प्रस्ताव में कहा गया कि प्रावधानों को बहाल करने के लिए संवैधानिक ढांचे को फिर से तैयार किया जाए, जम्मू कश्मीर विधानसभा यह आह्वान केंद्र सरकार से करती है। बहाली राष्ट्रीय एकता का संकल्प मजबूत करेगी। जम्मू कश्मीर के लोगों के जायज हकों की रक्षा होनी चाहिए।
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