- देवास के शिक्षा कर्मी की मौत हनुमान प्रसाद पेट्रोल पंप के सामने रांग साइड खड़ी बस के कारण हो गई थी-थाना पुलिस की मिली भगत
उज्जैन। शहर में जहां एक और ई रिक्शा वाहनों ने शहर के यातायात को बिगाड़ रखा है वहीं दूसरी ओर शहरी क्षेत्र में तेज गति से दौड़ रही यात्री बसें भी लोगों की जान ले रही है। रविवार को भी हनुमान प्रसाद पेट्रोल पंप के सामने देवास के शिक्षा कर्मी को वाहन ने रौंद दिया था, इसके बाद आईजी ने इस पर संज्ञान लेते हुए यातायात विभाग और आरटीओ से शहर में दौड़ रहे यात्री वाहनों की जानकारी तलब की है।
उल्लेखनीय है कि शहर में यातायात सुगम करने तथा प्रदूषण कम करने के लिए अभी तक जितने भी प्रयास हुए उनका कोई अच्छा परिणाम नहीं रहा है। शहर में देवास गेट बस स्टैंड से संचालित होने वाली यात्री बसें भीड़ भरे और शहरी क्षेत्र में भी अंधाधुंध गति से दौड़ ड़ रही है। देवास गेट बस स्टैंड से लेकर आगर रोड और इधर रेलवे स्टेशन होते हुए हरी फाटक ब्रिज तक तथा फ्रीगंज ओवर ब्रिज पर भी ज्यादातर यात्री वर्षों की स्पीड 40 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक ही रहती है। इसके कारण अनेकों बार दुर्घटनाएँ हो चुकी है और लोगों की मौत हुई है। रविवार को भी फ्रीगंज ब्रिज के समीप हनुमान पेट्रोल पंप के सामने निजी यात्री बस में खड़ी हुई थी। इस दौरान देवास में पदस्थ शिक्षा कर्मी अपने स्कूटी से गुजर रहे थे। तभी यहां खड़ी बसों को ओवरटेक करते हुए एक कार ने शिक्षा कर्मी को कुचल दिया था और मौके पर ही उनकी दर्दनाक मौत हो गई थी। जानकारी सामने आई है कि जिस कार से शिक्षा कर्मी की मौत हुई उसे कर मालिक ने दो महीने पहले ही खरीदा था। कार लर्निंग लाइसेंस पर चल रही थी। इस दर्दनाक हादसे पर आईजी उमेश जोगा ने संज्ञान लिया है। भविष्य में ऐसी दुर्घटनाएं बीच शहर में ना हो इसके लिए उन्होंने क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय और यातायात पुलिस विभाग से शहर की सड़कों पर दौड़ रही सभी यात्री बसों, मैजिक और ई रिक्शा वाहनों की डिटेल मांगी है। इस पर यातायात विभाग ने शहर में चल रही ई रिक्शा वाहनों की जानकारी दी है जिसमें आईजी को बताया गया है कि उज्जैन में 6000 ई रिक्शा वाहनों का संचालन हो रहा है। उक्त विभागों को अभी यात्री बसों और मैजिक वाहनों की जानकारी आईजी कार्यालय को देनी है।
ई रिक्शा की सूची भी तलब की
शहर के बेतरतीब यातायात में ई-रिक्शा का सबसे बड़ा योगदान है। यातायात को ठीक करने के लिए तय हुआ था कि इन आठ हजार से अधिक ई-रिक्शा का संचालन तय रूट और शिफ्ट में किया जाएगा, मगर अब तक इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई। परिणाम यह हुआ कि अब ई-रिक्शा ड्राइवर की जहां मर्जी होती है, वहां अपनी गाडिय़ाँ दौड़ाते रहते हैं। इससे शहर में यातायात की समस्या सुलझने के बजाय और उलझने लगी है। शहर के प्रमुख मार्गों पर तो इनकी रेलमपेल के कारण कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। शहर की प्रमुख सड़कों से गलियों और कॉलोनियों तक ई-रिक्शा का संचालन किया जाना था, ताकि शहर की सड़कों पर से यातायात का दबाव कम किया जा सके। साथ ही लोग गलियों और कॉलोनियों से ई-रिक्शा की सहायता से मुख्य मार्गों तक आसानी से पहुंच सके, परंतु ई-रिक्शा धड़ल्ले से मुख्य मार्गों पर दौड़ रहे हैं। प्रत्येक चौराहे-सड़कों पर पर इस साथ कई ई-रिक्शा हमेशा खड़ी रहती है। कहीं भी रिक्शा खड़ी कर सवारी बैठाई जा रही है। इस कारण दिन में कई बार जाम की स्थिति निर्मित हो जाती है।