मुंबई । महाराष्ट्र (Maharashtra) के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Deputy CM Devendra Fadnavis) ने कहा कि अगर महायुति गठबंधन आगामी विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) जीतता है तो मुख्यमंत्री पद के लिए कोई खींचतान नहीं होगी. बीजेपी नेता ने कहा, ‘महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए कोई खींचतान नहीं होगी. ऐसी किसी भी व्यवस्था के लिए कोई वादा नहीं किया गया है, क्योंकि हमारे पास पहले से ही अगला मुख्यमंत्री चुनने के लिए एक नीति है. एकनाथ शिंदे समेत हमारे गठबंधन के किसी भी नेता ने पद की मांग नहीं की है. सभी को भरोसा है कि फैसला निष्पक्ष होगा.’
लोकसभा चुनाव में सत्ता विरोधी लहर और महायुति के प्रदर्शन के बारे में बात करते हुए देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सरकार द्वारा शुरू की गई जन कल्याणकारी पहलों के कारण महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए प्रो-इनकंबेंसी की स्थिति है. वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, ‘मैं अति आत्मविश्वासी लग सकता हूं, लेकिन महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में हमारे लिए वास्तविक जन समर्थन है. इसका श्रेय हमारे द्वारा लागू किए गए कल्याणकारी कार्यक्रमों को जाता है. हमारे शासन के पिछले ढाई वर्षों में, लोगों ने विकास के प्रयासों को देखा है, और उन्हें विश्वास है कि यह सरकार सकारात्मक बदलाव लाना जारी रखेगी.’
विपक्षी महा विकास अघाड़ी (MVA) पर कटाक्ष करते हुए देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘पहले उन्होंने हमारी योजनाओं के लिए पैसे कहां से आएंगे, इस बारे में सवाल किया. अब, वे हमारी ही योजनाओं के लाभ को दोगुना करने का वादा कर रहे हैं. हमें केंद्र का समर्थन प्राप्त है. इन भारी भरकम वादों को पूरा करने के लिए उनके पास किसका समर्थन है?’ क्या महायुति ‘बटेंगे तो कटेंगे’ जैसे नारे के साथ जाएगा या विकास के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगा, इस सवाल के जवाब में देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘हम विकास और अपने कल्याणकारी योजनाओं को चुनाव के केंद्र में रखेंगे.’ हालांकि, उन्होंने ‘बटेंगे तो कटेंगे’ नारे का बचाव किया.
उन्होंने कहा, ‘बटेंगे तो कटेंगे कहने में कुछ भी गलत नहीं है. एक विभाजित समाज विनाश का सामना करता है. हालांकि, महायुति का चुनाव प्रचार अभियान विकास और कल्याण कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित रहेगा. विपक्ष तुष्टीकरण की राजनीति करता है तो करे, हमें इसकी परवाह नहीं.’ 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के लिए 20 नवंबर को एक ही चरण में मतदान होगा, और नतीजे 23 नवंबर को आएंगे. 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 105 सीटें, शिवसेना ने 56 और कांग्रेस ने 44 सीटें जीती थीं. वहीं 2014 में भाजपा ने 122 सीटें, शिवसेना ने 63 और कांग्रेस ने 42 सीटें हासिल की थीं.
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