महिदपुर (अरुण बुरड़)। महिदपुर से उन्हेल मार्ग पर 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम गुराडिय़ा सांगा के मुख्य मार्ग पर बरगद के पेड़ के नीचे बने मंदिर स्थल पर सगस महाराज का स्थान बना है। ग्राम के बनेसिंह नामक युवा को स्वप्न आने पर यह स्थान बना था।
यहाँ स्थानीय ही नहीं आसपास कई दूर-दूर के स्थान से भी भक्त आते हैं एवं सगस महाराज का पूजन कर अपनी मनोकामना प्रकट करते हैं। वहीं मनोकामना पूर्ण होने पर पूर्ण होने के बाद बाबा को घड़ी भेंट करते हैं। मंदिर एवं लगे हुए क्षेत्र में हजारों की संख्या में घडिय़ां अब तक भेंट हो चुकी है, जो कि पेड़ के चारों ओर दिखाई देती है। रात्रि में जब सुनसान सा हो जाता है, तब मधुर ध्वनि टिक टिक सी सुनाई देती है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved