नई दिल्ली। अगर आप उन स्मार्टफोन यूजर्स (Smartphone Users) में से हैं, जो इंटरनेट पर ज्यादा अलर्ट नहीं रहते और नए-नए ऐप्स आजमाते रहते हैं तो आपको सावधान होने की जरूरत है। एक खतरनाक मालवेयर की जानकारी सामने आई है, जो यूजर्स के बैंक से आने वाले कॉल्स को सीधे स्कैमर्स के पास रीडायरेक्ट कर देता है। इस मालवेयर का नाम FakeCall बताया गया है और सबसे पहले Kaspersky ने साल 2022 में इसकी जानकारी दी थी। अब इसका नया वर्जन यूजर्स को नुकसान पहुंचा रहा है।
FakeCall मालवेयर को हाल ही में अपडेट किया गया है और इसके नए वर्जन से जुड़ी रिपोर्ट्स बता रही हैं कि इसके जरिए अटैकर्स दूर से ही किसी के स्मार्टफोन को टेकओवर कर सकते हैं। इस बदलाव की जानकारी Zimperium नाम की साइबर सुरक्षा कंपनी ने दी है और बताया है कि यह मालवेयर ‘Vishing’ टेक्निक इस्तेमाल कर रहा है, जो वॉइस फिशिंग का शॉर्ट फॉर्म है। इसकी मदद से यूजर्स को फ्रॉड कॉल्स या फिर वॉइस मेसेज भेजकर फंसाया जाता है।
ऐसे नुकसान पहुंचाता है खतरनाक मालवेयर
एंड्रॉयड यूजर्स के डिवाइस तक पहुंचने के लिए मालवेयर किसी APK फाइल की मदद लेता है और जैसे ही यूजर्स ऐप इंस्टॉल करते हैं तो FakeCall यूजर्स से इसे डिफॉल्ट डायलर ऐप बनाने के लिए कहता है। ऐसा करने के बाद यह ऐप कई परमिशंस देता है और मालवेयर को डिवाइस पर पूरा कंट्रोल मिल जाता है। एक्सेसेबिलिटी सर्विस ऐक्सेस करते हुए यह मालवेयर फोन पर आने वाले कॉल्स और उससे डायल किए जाने वाले कॉल्स से नोट्स लेता है।
इस तरह फैलाया जा रहा है मालवेयर
बाकी मालवेयर्स मुकाबले FakeCall को डिटेक्ट करना कहीं ज्यादा मुश्किल हैऔर इसका आसानी से पता नहीं लगाया जा सकता। यह मालवेयर Fake UI का इस्तेमाल करता है और असली एंड्रॉयड कॉल इंटरफेस जैसा दिखता है। सामने आया है कि यह मालवेयर थर्ड-पार्टी वेबसाइट्स और गूगल प्ले स्टोर जैसे फेक ऐप डाउनलोड प्लेटफॉर्म्स से फैल रहा है। साइबरसिक्योरिटी प्लेटफॉर्म ने बताया है कि करीब 13 फेक ऐप्स के जरिए यह मालवेयर फैलाया जा रहा है।
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