भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री मोहन यादव (Chief Minister Mohan Yadav) द्वारा 10 हाथियों की मौत के बाद बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य (Bandhavgarh Tiger Sanctuary) (BTR) में भेजी गई उच्चस्तरीय टीम को किसी भी तरह की साजिश का पता नहीं चला है। टीम के एक सदस्य ने शनिवार को यह जानकारी दी। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के वन राज्य मंत्री प्रदीप अहिरवार (Minister of State Forest Pradeep Ahirwar), अतिरिक्त मुख्य सचिव अशोक बरनवाल और वन बल के प्रमुख असीम श्रीवास्तव की टीम ने संरक्षित वन के अंदर घटनास्थल का दौरा किया। वहीं, शनिवार को गुस्साए हाथियों के हमले से दो लोगों की मौत हो गई।
वन्यजीव विशेषज्ञ अजय दुबे के अनुसार, देश में 72 घंटे की अवधि में दस हाथियों की मौत पहले कभी नहीं हुई है। एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने अहिरवार और दो शीर्ष नौकरशाहों को बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य भेजा और उनसे हाथियों की मौतों पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा। हाथियों की मौत राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में हैं।
मुख्यमंत्री यादव द्वारा शुक्रवार रात बुलाई गई आपात बैठक में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि वन विभाग की प्रारंभिक रिपोर्ट से मुख्यमंत्री असंतुष्ट हैं कि फंगस लगा कोदो बाजरा खाने के बाद हाथियों की मौत हुई है। बैठक में मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सुना कि कोदो बाजरा खाने के बाद हाथियों की मौत हुई है। अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री तीन दिन बाद भी मौतों के कारणों का वैज्ञानिक रूप से पता लगाने में विफल रहने से नाखुश हैं।
असीम श्रीवास्तव ने राज्य के उमरिया जिले में बाघ अभयारण्य से फोन पर कहा, ‘अभी तक कोई साजिश की बात सामने नहीं आई है।’ यात्रा के दौरान उनके निष्कर्षों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘हमें एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया है। हम इस पर चर्चा कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि रिपोर्ट अंतिम रूप लेने के बाद सामने आएगी।
इस बीच, शनिवार को बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य के पास तीन हाथियों ने दो लोगों की जान ले ली और एक को घायल कर दिया। ऐसा माना जा रहा है कि ये हाथी उसी झुंड का हिस्सा हैं, जिसके 10 हाथी इस सप्ताह की शुरुआत में मृत पाए गए थे। मंत्री अहिरवार ने कहा, ‘हम यहां हैं। मैं रविवार शाम तक यहां हूं। सभी पहलुओं की जांच जारी है। तीन-चार दिन में रिपोर्ट आ जाएगी और सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा।’
इस सप्ताह की शुरुआत में तीन दिनों के अंतराल में बीटीआर में दस हाथियों की मौत हो चुकी है। मंगलवार को रिजर्व (बीटीआर) के खितोली रेंज के अंतर्गत सांखनी और बकेली में चार जंगली हाथी मृत पाए गए जबकि बुधवार को चार और बृहस्पतिवार को दो की मौत हो गई। अधिकारियों के अनुसार, शवों के पोस्टमार्टम में उनके पेट में भारी मात्रा में कोदो बाजरा के साथ-साथ विषाक्तता की बात सामने आई है।
गुस्साए हाथियों के हमले में 2 लोगों की मौत, एक घायल
इस हफ्ते की शुरुआत में 3 दिनों के अंतराल में उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हाथियों की मौत के बाद टाइगर रिजर्व के पास शनिवार को तीन हाथियों ने दो लोगों की हत्या कर दी जबकि हमले में एक शख्स घायल हो गया। ऐसा माना जा रहा है कि ये हाथी उस झुंड का हिस्सा हैं, जिसके 10 सदस्य हाल ही में मारे गए थे। अधिकारियों ने बताया कि बीटीआर से करीब 10 किलोमीटर दूर देवरा गांव में रामरतन यादव (50) को हाथियों ने तब मार डाला, जब वह शौच के लिए गया था। इसके बाद तीनों हाथियों ने बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के बफर जोन के ब्राहे गांव में भैरव कोल (35) को मार डाला।
यही नहीं बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के ठीक बाहर बांका में मालू साहू (32) को हमला कर घायल कर दिया। अधिकारियों का कहना है कि शनिवार को सुबह उत्पात मचाने वाले तीन हाथी उस 13 सदस्यीय झुंड का हिस्सा हो सकते हैं, जिसके 10 सदस्य मारे जा चुके हैं। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (बीटीआर) के खितोली रेंज के सांखनी और बकेली में 10 हाथियों की मौत का मामला राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में रही है।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (बीटीआर) के खितोली रेंज के सांखनी और बकेली में 29 अक्टूबर को चार जंगली हाथी मृत पाए गए थे, जबकि 30 अक्टूबर को चार और 31 अक्टूबर को दो की मौत हो गई थी। अधिकारियों की मानें तो इन हाथियों की मौत जहरीला पदार्थ खाने से हुई थी। यह पूछे जाने पर कि क्या तीनों हाथी पीड़ित झुंड का हिस्सा हैं, उमरिया प्रभागीय वन अधिकारी विवेक सिंह ने कहा कि हाथियों पर नजर रखी जा रही है। इन हाथियों की पहचान के बारे में कोई भी अंतिम निर्णय निगरानी प्रक्रिया से आंकड़े जमा करने के बाद ही आएगा।
एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि यह हाथियों के झुंड के बचे साथियों का बदला भी हो सकता है। झुंड के तीन जीवित हाथी उस जगह से 15 किलोमीटर के दायरे में घूम रहे थे, जहां 10 हाथी मरे थे। 10 हाथियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनके पेट में भारी मात्रा में कोदो बाजरा के साथ-साथ विषाक्ता की ओर इशारा किया गया है। नमूनों के साथ-साथ विसरा, लीवर, किडनी आदि सैंपल यूपी के बरेली के इज्जतनगर में आईसीएआर-भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान और सागर में एमपी फोरेंसिक प्रयोगशाला में भेजा जा रहा है ताकि मौतों की वजह सामने आ सके।
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