डेस्क: चुनाव से पहले हर प्रत्याशी की कोशिश होती है कि वो लोगों की नजर में रहे. उसकी जितनी ज्यादा चर्चा होगी वो लोगों की नजर में आएंगे और इसका फायदा वोटिंग के दौरान होगा. लेकिन उत्तर प्रदेश के सीसामऊ विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार नसीम सोलंकी को जिस तरह की चर्चा मिल रही है, शायद वो उन्हें नहीं चाहिए थी. दिवाली के मौके पर मंदिर जाने के बाद से उपजे विवाद में अब एक नया ट्विस्ट आ गया है.
नसीम सोलंकी दिवाली पर सीसामऊ के बनखेड़ेश्वर मंदिर गई थीं. वहां उन्होंने शिवलिंग का जलाभिषेक किया था और इसके बाद मंदिर में दीये भी जलाए थे. इसका वीडियो जैसे ही सामने आया, हंगामा मच गया. सबसे पहले उनके ही कौम ने उनके लिए फतवा निकाल दिया. अब हिंदू धर्म की तरफ से भी मामले को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है.
बताया जा रहा है कि नसीम सोलंकी के मंदिर से जाने के बाद पुजारियों ने शुद्धिकरण की प्रक्रिया पूरी की. इसके लिए कई हजार लीटर गंगाजल को हरिद्वार से मंगवाया गया. उसके बाद इसी जल से मंदिर को धोया गया और शिवलिंग की भी शुद्धिकरण करवाई गई. पूरे मंदिर को धोकर शुद्ध किया गया.
जहां हिन्दू धर्म ने उनके मंदिर से जाने के बाद शुद्धिकरण करवाया वहीं मुस्लिम कौम ने इस मामले पर फतवा जारी किया. मौलाना मुफ़्ती शहाबुद्दीन ने कहा कि मंदिर में पूजा करने पर शरीयत क्या कहती है? मुस्लिम कौम में मूर्ति की पूजा वर्जित है. ऐसे में ये गलत है. उन्होंने कहा कि ऐसी महिला को तौबा करना चाहिए और भविष्य में ऐसा ना करने की कसम खानी चाहिए. इसके साथ ही उसे दुबारा से कलमा पढ़ना चाहिए.
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