नई दिल्ली। एल्सिड इन्वेस्टमेंट का शेयर अब देश का सबसे महंगा शेयर है। कंपनी के शेयरों का भाव बीएसई पर 3.37 रुपये से चढ़कर 260465.60 रुपये पर पहुंच गया जिससे कंपनी में किया गया 10,000 रुपये का छोटा सा निवेश सिर्फ एक कारोबारी सत्र में 67 करोड़ रुपये में बदल गया। इस तरह स्मॉलकैप कंपनी एल्सिड का शेयर एक ही दिन में देश के सबसे महंगे शेयर एमआरएफ से भी आगे निकल गया।
हालांकि, कंपनी के शेयर आम लोगों की पहुंच से फिलहाल दूर हैं। एल्सिड के शेयरधारकों की सूची में प्रवेश पाना आसान नहीं है क्योंकि यह केवल 328 शेयरधारकों का एक छोटा और विशिष्ट क्लब है। एल्सिड इन्वेस्टमेंट्स नामक मुंबई स्थित NBFC के लगभग 75% शेयर एशियन पेंट्स के प्रमोटर समूह के हाथों में हैं। कंपनी के केवल 322 सार्वजनिक शेयरधारक हैं, जिनमें हाइड्रा ट्रेडिंग और 3a कैपिटल सर्विसेज के पास क्रमशः 9.04% और 3.34% हिस्सेदारी है। खुदरा निवेशक जिनके पास 2 लाख रुपये तक की नाममात्र शेयर पूंजी होती है, केवल 284 हैं। उनकी एल्सिड में 7.43% हिस्सेदारी है। इसके अलावे निवेशकों में 8 एनआरआई और 10 एचयूएफ भी हैं। कंपनी के ट्रेडिंग वॉल्यूम से पता चलता है कि काउंटर पर शेयरों का फिलहाल एक भी विक्रेता मौजूद नहीं है।
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि कंपनी के शेयरों में इतना बड़ा उछाल आखिर कैसे आया? क्या यह किसी फ्रॉड के कारण तो नहीं है? तो इसका जवाब है, फिलहाल के लिए नहीं। कंपनी के शेयरों में यह बदलाव बीते मंगलवार को होल्डिंग कंपनियों के लिए उचित कीमतें निर्धारित करने के लिए सेबी की ओर से आयोजित एक विशेष कॉल नीलामी के बाद आई है। इस विशेष नीलामी सत्र में कंपनी के शेयरों 66,92,535% का उछाल आया। इस दौरान केवल 241 शेयरों का ही कारोबार हुआ।
बुधवार के सत्र में कंपनी के शेयरों में कोई कारोबार नहीं हुआ। 2024 में एल्सिड के शेयरों में इससे पहले 21 जून को ट्रेडिंग हुई थी, जब 500 शेयरों का अदान-प्रदान हुआ था। सैमको सिक्योरिटीज के विश्लेषक राज गायकर के अनुसार, “विशेष नीलामी सत्र आयोजित करने के पीछे बाजार नियामक सेबी का इरादा स्टॉक का उचित मूल्य पता लगाना था क्योंकि यह लंबे समय से 3 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहा था। दूसरी ओर, मौजूदा शेयरधारक इसे बहुत अधिक मूल्य पर बेचना चाहते थे।”
ऐसे में भले ही शेयर रोजाना ऊपरी सर्किट को छूते, फिर भी यह अपने उचित मूल्य के करीब नहीं पहुंच पाते। शेयर की कीमतों में अत्यधिक उतार-चढ़ाव को रोकने के लिए, स्टॉक एक्सचेंज रोजाना अपर और लोअर सर्किट तय करते हैं। लेकिन, बीएसई की ओर से विशेष कॉल नीलामी सत्र में कोई सर्किट सीमा नहीं लगाई गई थी, एक्सचेंज ने एक ही कीमत पर खरीदार और विक्रेता खोजने की कोशिश की थी। इस दौरान दलाल स्ट्रीट के इतिहास में अभूतपूर्व रूप से किसी एक कंपनी के शेयरों में 66,92,535% की अवश्विसनीय वृद्धि दिखी। हालांकि, बिक्री के लिए शेयरों का वॉल्यूम इस दौरान नगण्य बना रहा, यानी मौजूदा शेयरधारक बेचने के लिए तैयार नहीं हैं और शेयरधारकों की संख्या भी कम है।
सैमको सिक्योरिटीज की गणना के अनुसार, अब भी एल्सिड केवल 0.38 के प्राइस-टू-बुक मल्टीपल पर कारोबार कर रहा है। एल्सिड के पास एशियन पेंट्स में 1.28% हिस्सेदारी है, जिसकी कीमत लगभग 3,600 करोड़ रुपये या एनबीएफसी के कुल बाजार पूंजीकरण 4,725 करोड़ रुपये का लगभग 80% है।
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