इंदौर। देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर (Cleanest city of country Indore) में वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) शुक्रवार को 400 के पार पहुंच गया, जो दर्शाता है कि मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की आर्थिक राजधानी में हवा की क्वालिटी ‘गंभीर’ श्रेणी (Air quality in ‘severe’ category) में पहुंच गई है।
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, शहर के छोटी ग्वालटोली क्षेत्र में दोपहर के समय AQI 404 दर्ज किया गया, जबकि PM 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर) का औसत 255.26 दर्ज किया गया। शहर में PM 10 का औसत स्तर 318.08 रहा. बता दें कि छोटी ग्वालटोली शहर का घनी आबादी वाला इलाका है, जहां वाहनों की भारी आवाजाही रहती है।
पर्यावरण विशेषज्ञ और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Environmental Expert and State Pollution Control Board) के पूर्व अधिकारी डॉ. दिलीप वाघेला ने बताया, गुरुवार सुबह से ही शहर में दिवाली की आतिशबाजी की धूम रही, जो देर रात तक जारी रही. शुक्रवार को भी कई इलाकों में यही स्थिति रही. शहर में वायु गुणवत्ता के गंभीर श्रेणी में पहुंचने का यही मुख्य कारण है.” विशेषज्ञ ने बताया कि शहर की वायु गुणवत्ता आमतौर पर “संतोषजनक” (AQI 51-100) श्रेणी में रहती है।
वाघेला ने बताया कि शांत हवाओं के कारण प्रदूषक इधर-उधर नहीं फैल पाए और एक जगह पर जम गए, जिससे शहर में वायु गुणवत्ता और खराब हो गई। वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए काम करने वाले वैश्विक गठबंधन क्लीन एयर कैटालिस्ट के एक अध्ययन के अनुसार, सामान्य समय में शहर में वायु गुणवत्ता में गिरावट के लिए वाहनों से होने वाला प्रदूषण और सड़क की धूल सबसे अधिक योगदानकर्ता (70 प्रतिशत) हैं.
मौसम विभाग के अनुसार, 0 से 50 के बीच का AQI ‘अच्छा’, 51 से 100 ‘संतोषजनक’, 101 से 200 ‘मध्यम’, 201 से 300 ‘खराब’, 301 से 400 ‘बहुत खराब’, और 401 से 500 ‘गंभीर’ माना जाता है। हालांकि, जमीनी स्तर पर इंदौर कचरा प्रबंधन के लिए एक आदर्श शहर रहा है. जनवरी में इसे केंद्र के वार्षिक स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कारों के तहत लगातार सातवें साल भारत का सबसे स्वच्छ शहर माना गया।
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