रांची। झारखंड में चल रहे विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) के बीच लोक आस्था का महापर्व छठ 5 नवंबर से शुरू होकर 8 नवंबर तक चलेगा। इस महापर्व का देश के कोने-कोने में रहने वाले बिहार के लोगों को इंतजार रहता है। छठ के लिए लोग दो से तीन दिन पहले ही घर चले जाते हैं और पर्व के सप्ताह भर बाद तक लौटते हैं। ऐसे में चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को छठ के कारण वोटरों का झटका लगना तय है। झारखंड के जमशेदपुर और आसपास से ही सिर्फ 30-40 हजार लोग छठ पर बिहार जाते हैं।
वोटिंग के दिन तक लौट पाना मुश्किल
जमशेदपुर में 5 लाख से अधिक बिहारी निवास करते हैं। 13 नवंबर को चुनाव के पहले चरण में 43 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। इनमें कोल्हान की सभी 14 सीटों पर मतदान होना है। ऐसे में प्रत्याशियों के वोटों पर असर पड़ सकता है। चूंकि पहला अर्घ्य 7 नवंबर को है और दूसरा अर्घ्य 8 नवंबर को है। ऐसे में 13 नवंबर तक सभी लोगों का लौट पाना संभव नहीं होगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि ट्रेनों में जहां वेटिंग है, वहीं, चुनाव में बसों के पकड़े जाने से लौटने में दिक्कत होगी। बिहार जाने के लिए जमशेदपुर से रोज 80 बसें चलती हैं। ट्रेनों में भी वेटिंग की स्थिति है।
शहरों में अधिकतर लोग बिहार के रहनेवाले
जमशेदपुर समेत आसपास के शहरों में काफी संख्या में बिहार के लोग रहते हैं। छठ पर इनके बिहार जाने के कारण वैसे तो पूरे कोल्हान में असर दिखेगा, लेकिन सबसे ज्यादा प्रभाव जमशेदपुर पूर्वी, पश्चिमी, जुगसलाई, घाटशिला, सरायकेला, पोटका, बहरागोड़ा से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के वोटों पर पड़ सकता है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved