नई दिल्ली । जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में माहौल एकबार फिर गरमा गया है। बीती रात विश्वविद्यालय संचालन परिषद बैठक (UGBM) में भगवान राम (Lord Ram) पर कथित अभद्र टिप्पणी (hate comments) को लेकर वामपंथी संगठनों और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के छात्रों के बीच झड़प हो गई। जेएनयू छात्र संघ (JNUSU) ने आरोप लगाया कि अभाविप सदस्यों ने जेएनयूएसयू पदाधिकारियों पर जातिसूचक टिप्पणियां कीं।
बताया जाता है कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय यानी जेएनयू में सोमवार की देर रात यूनिवर्सिटी गवर्निंग बॉडी मीटिंग (यूजीबीएम) के दौरान वामपंथी संगठनों के छात्रों और एबीवीपी के बीच झड़प हो गई। जेएनयूएसयू ने मंगलवार को एक बयान में आरोप लगाया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य जबरन यूजीबीएम की बैठक में घुसकर मंच पर पहुंच गए। उन्होंने उसके सदस्यों के साथ धक्कामुक्की की और उन्हें धमकियां दी।
जेएनयूएसयू ने यह भी आरोप लगाया कि एबीवीपी के सदस्यों ने जेएनयूएसयू के पदाधिकारियों पर जातिवादी गालियां दीं। एबीवीपी के सदस्यों ने जेएनयूएसयू अध्यक्ष धनंजय, उपाध्यक्ष अविजित घोष और संयुक्त सचिव मोहम्मद साजिद के साथ-साथ अपने विचार साझा करने आए अन्य छात्रों को भी परेशान किया।
JNUSU ने आरोप लगाया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के सदस्यों ने धनंजय को जातिसूचक गालियां भी दीं और उनको नीच कहा। अभाविप सदस्यों ने साजिद को धमकी देते हुए कहा कि तुमको भी नजीब बना देंगे। बता दें कि नजीब अहमद जेएनयू का एक छात्र जो 2016 में अपने छात्रावास से लापता हो गया था। बैठक रात में ढाई बजे तक चली। वहीं ABVP ने वाम छात्र संगठनों पर भगवान राम के खिलाफ अपमानजनिक टिप्पणियां करने का आरोप लगाया।
एबीवीपी ने आरोप लगाया कि यूजीबीएम में सावरकर और भगवान राम के बारे में वाम संगठनों ने आपत्तिजनक टिप्पणी की है। एबीवीपी ने कहा- हम जेएनयू यूजीबीएम में एक वामपंथी सदस्य द्वारा प्रभु भगवान श्री राम के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणी की निंदा करते हैं। अपने भाषण के दौरान वामपंथी सदस्य ने कहा कि सावरकर और ‘नीच’ राम अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) कार्यकर्ताओं के आदर्श हैं।
जेएनयू की लड़ाई सोशल मीडिया एक्स पर भी देखी गई। जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) द्वारा आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) के चुनावों में उनकी भागीदारी पर चर्चा करने के लिए बैठक बुलाई गई थी। यह एक निकाय है जो परिसर में यौन उत्पीड़न की शिकायतों को दूर करने के लिए स्थापित किया गया है।
जेएनयूएसयू लंबे समय से लैंगिक उत्पीड़न के खिलाफ लैंगिक संवेदनशीलता समिति (जीएससीएएसएच) के स्थान पर आईसीसी की स्थापना का विरोध कर रहा है, जिसे विश्वविद्यालय ने 2017 में समाप्त कर दिया था। मंगलवार को एक बयान में, जेएनयूएसयू ने आरोप लगाया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्यों ने जबरन मंच पर कब्जा करके यूजीबीएम की कार्यवाही को बाधित किया और इसके सदस्यों को धमकाया।
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