देहरादून । उत्तराखंड (Uttarakhand)में बनी एंटीबायोटिक(Antibiotic), आईड्रॉप सहित सात दवाओं के नमूने(Samples of medicines) जांच में फेल (Failed the test)पाए गए हैं। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की ओर से इस संदर्भ में ड्रग अलर्ट जारी किया गया है, जिस पर राज्य के औषधि प्रशाधन विभाग ने सातों दवाओं के लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं।
केंद्र सरकार देशभर में बनने वाली सभी दवाओं की हर महीने रेंडम जांच कराती है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (Central Drugs Standard Control Organisation) सभी राज्यों में निर्मित होने वाली दवाओं के सैंपल लेकर अलग-अलग लैब में भेजता है। इसके आधार पर फेल पाई जाने वाली दवाओं के संदर्भ में ड्रग अलर्ट जारी किया जाता है। इसके तहत सितंबर महीने में की गई दवाओं की जांच के परिणाम अब जारी किए गए हैं। इसमें उत्तराखंड की सात कंपनियों के सैंपल फेल पाए गए।
ये दवाएं हुईं जांच में फेल
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की ओर से जारी अलर्ट के अनुसार, उत्तराखंड में बनी एंटीबायोटिक सेफुरॉक्साइम, लेपेरामाइड, वैक्टीरियल इंफेक्शन की दवा फ्लोक्सागैस, हाईब्लड प्रेशर की दवा विंटेल सहित कुल सात दवाएं फेल पाई गई हैं। हालांकि, इन दवाओं के सैंपल फेल पाए जाने के बाद फिलहाल दवाओं के निर्माण पर रोक लगा दी गई है।
लाइसेंस निरस्त, बाजार से वापस मंगाई दवाएं
फूड एंड ड्रग विभाग के अपर आयुक्त और ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के अलर्ट के बाद सभी सात दवा बनाने वाली कंपनियों के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं। यह कंपनियां अब इन दवाओं का निर्माण नहीं कर सकेंगी। इसके साथ ही कंपनियों को यह सभी दवाएं बाजार से वापस मंगाने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य के सभी ड्रग इंस्पेक्टरों को भी इस संदर्भ में निर्देश दिए गए हैं।
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