इंदौर। जैसे-जैसे महाराष्ट्र चुनाव की तारीख पास आती जा रही है, वैसे-वैसे चुनाव प्रचार तेज होता जा रहा है। अभी त्योहार के कारण रफ्तार कुछ धीमी पड़ी है। प्रदेश के अधिकांश नेताओं को महाराष्ट्र में जवाबदारी दी गई है । कद्दावर नेता और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने तो नागपुर की 12 सीटों के लिए अपने खास लोगों को भी नागपुर बुला लिया है, वहीं सोनकच्छ विधायक राजेश सोनकर को बड़ी जवाबदारी सौंपकर अनुसूचित जाति की सीटों का प्रभारी बनाया गया है।
महाराष्ट्र में 13 नवंबर को मतदान होना है। इस बार भाजपा ने अपनी पूरी ताकत यहां ज्यादा से ज्यादा सीटों को लाने में लगा दी है। कई नेताओं को तो चुनाव घोषित होने के पहले ही महाराष्ट्र के कई इलाकों की अलग-अलग जवाबदारी दी गई थी और वे वहां अपना काम शुरू कर चुके थे। इसके बाद जब तारीख घोषित हो गई है तो वहां भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने के लिए जोर लगाया जा रहा है।
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को नागपुर की 12 विधानसभा की जवाबदारी दी गई है, जहां से पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी आते हैं। यहां फिलहाल भाजपा के पास 6 सीटें हैं और 6 पर मुकाबला रहता है, जिसमें से तीन एनसीपी के पास और तीन कांग्रेस के पास है। विजयवर्गीय ने यहां की स्थिति को देखते हुए अपने कुछ खास लोगों को भी महाराष्ट्र बुला लिया है। इनमें पहले से ही युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष मनोज ठाकुर उनके साथ लगे हुए हैं तो वर्तमान में वीरेंद्र व्यास, एमआईसी सदस्य अभिषेक बबलू शर्मा, मनोज परमार जैसे नेताओं को भी अलग-अलग जवाबदारी सौंपी गई है। मनोज परमार जहां अनुसूचित जाति की सीटों पर लगातार बैठक ले रहे हैं, वहीं दूसरे नेताओं को विधानसभा में क्षेत्रीय स्तर पर पार्टी का प्रचार-प्रसार करने के लिए लगाया गया है। विधायक गोलू शुक्ला भी नागपुर पहुंच गए हैं।
सोनकर को बड़ी जवाबदारी, 29 दलित सीटें सौंपी
सोनकच्छ विधायक राजेश सोनकर को पार्टी ने एक बड़ी जवाबदारी दी है। सोनकर को महाराष्ट्र में 29 एससी सीटों का प्रभारी बनाकर भेजा गया है। वे ऐसी सीटों पर काम कर रहे हैं, जहां भाजपा के लिए तगड़ी चुनौती है।
ये सीटें विदर्भ, पश्चिमी महाराष्ट्र और मुंबई के आसपास है, वहीं राज्यसभा सांसद कविता पाटीदार मुंबई में तीन विधानसभा सीटों पर काम देख रही हंै तो निशांत खरे को अनुसूचित जनजाति की सीटों पर सामंजस्य बनाने की जवाबदारी दी गई है। जयपाल सिंह चावड़ा भोपाल संगठन की टीम के साथ लगे हुए हैं। चूंकि दिवाली का त्योहार नजदीक है, इसलिए आने वाले एक-दो दिन में यह नेता वापस लौट आएंगे और भाईदूज के बाद फिर मतदान के एक दिन पहले तक महाराष्ट्र में ही रहेंगे।
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