डेस्क: इजराइल ने ईरान पर शनिवार को अटैक किया. इसी के बाद अब ईरान ने गद्दारों के लिए बड़ा ऐलान किया है. देश ने साफ – साफ बता दिया है कि नागरिकों ने किसी भी तरह इजराइल का साथ दिया या सहयोग किया तो उनको 10 साल तक की सजा दी जा सकती है.
इस ऐलान में कहा गया है कि दुश्मन मीडिया या इजरायल को तस्वीरें और खबरें भेजने पर भी सजा दी जाएगी. इजराइल ने ईरान से पूरे 26 दिन बाद अपना बदला लिया और शनिवार (26 अक्टूबर) को जवाबी हमला किया. इजराइल ने ईरान के 10 ठिकानों पर अटैक किया और हवाई हमले किए. इससे पहले ईरान ने इजराइल पर 1 अक्टूबर को सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलें दागी थीं.
ईरान की तरफ से नागरिकों को सूचित करते हुए ऐलान किया गया है कि अगर किसी व्यक्ति ने मीडिया को जायोनी शासन से जुड़ी या फिर उनके विरोध में कोई भी खबर भेजी या तस्वीर शेयर की तो इसको अपराध माना जाएगा. साथ ही इस ऐलान में कहा गया कि शांति और सुरक्षा के खिलाफ जायोनी शासन की कार्रवाइयों का मुकाबला करने के कानून के अनुच्छेद 6 और 8 के साथ-साथ इस्लामी दंड संहिता की धारा 508 के अनुसार इन मामलों में सजा दी जाएगी.
धाराओं के मुताबिक, अगर कोई भी व्यक्ति या समूह ईरान के खिलाफ किसी भी तरह से विदेशी देशों के साथ सहयोग करता है और अगर उसे युद्धरत के रूप में मान्यता नहीं दी जाती है, तो उस व्यक्ति को 1 से 10 साल की जेल की सजा दी जाएगी. साथ ही अपराधियों से निर्णायक तरीके से निपटा जाएगा.
ईरान पर हमला करने से एक दिन पहले ही इजराइल के रक्षा मंत्री ने हमले की जानकारी दे दी ती और साफ कह दिया था कि हमला ऐसा होगा, जिससे दुनिया हमारी तैयारी समझ जाएगी. ईरान ने 1 अक्टूबर को इजराइल पर अटैक किया था और 180 से ज्यादा मिसाइल इजराइल पर दागीं थी. ईरान के इस अटैक के बाद से ही इजराइल अलर्ट हो गया था.
ईरान के अटैक के बाद इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा था कि इजराइल के एडवांस एयर स्पेस के चलते हमें ईरान के हमले से ज्यादा नुकसान नहीं हुआ और सारी मिसाइलों को हवा में ही ढेर कर दिया गया. इसी के साथ नेतन्याहू ने इस बात का ऐलान भी किया था कि हम पलटवार करेंगे और ईरान को इसका अंजाम भुगतना पड़ेगा. इसी के बाद पूरे 26 दिन बाद इजराइल ने ईरान पर पलटवार कर दिया है.
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