डेस्क: बुधवार को सऊदी अरब में सात लोगों को फांसी की सजा दे दी गई है. इन सात लोगों में से पांच को मादक पदार्थों की तस्करी को लेकर सजा दी गई है. वहीं, अन्य दो लोगों को दूसरे मामलों में मौत की सजा दी गई है. आधिकारिक सऊदी प्रेस एजेंसी ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि मौत की सजा पाने वाले लोगों में एक पाकिस्तानी नागरिक शामिल था. वहीं इसमें दो सऊदी नागरिक भी शामिल है, साथ ही इसमें चार यमन नागरिकों को भी फांसी दी गई है.
सऊदी के आंतरिक मंत्रालय के हवाले से एसपीए ने बताया कि चार यमन नागरिकों (याह्या लुत्फुल्लाह, अली अजीब, अहमद अली और सलेम नाहारी) को हशीश की तस्करी के लिए दक्षिणी प्रांत असीर में फांसी दी गई. वहीं, बुधवार को ही मादक पदार्थों की तस्करी के लिए दोषी करार दिए गए पाकिस्तानी नागरिक को भी फांसी पर लटका दिया गया.
सऊदी अरब में 2024 की शुरुआत से लेकर अब तक यानी अक्टूबर 2024 तक कुल 236 लोगों को मौत की सजा दी जा चुकी है. जिनमें से 71 लोगों को मादक पदार्थों की तस्करी के लिए मौत की सजा सुनाई गई है. बता दें कि सऊदी अरब सीरिया और लेबनान से आने वाली नशे की लत वाली दवा एम्फैटेमिन दवा कैप्टागन का मेन मार्केट बन गया है. जिसके खिलाफ सऊदी सरकार ने काफी सख्त रुख अपनाया है.
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया है कि सऊदी अरब फांसी देने वाले दुनिया के शीर्ष देशों में शामिल है. उसनें बताया कि सऊदी ने बीते साल, 2023 में चीन और ईरान के बाद दुनिया में तीसरी सबसे ज्यादा कैदियों को फांसी की सजा दी है. वहीं, सऊदी की मृत्युदंड के लिए मानवाधिकार समूहों ने लगातार आलोचना की है.
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