प्रशासन ने तैयार करवाई वेब एप्लिकेशन, विकास अनुमति, पूर्णता प्रमाण-पत्र सहित सभी प्रक्रिया पेपरलेस होगी
इंदौर। कलेक्टर कार्यालय स्थित कॉलोनी सेल को अब आने वाले समय में पेपरलेस किया जा रहा है। कलेक्टर आशीष सिंह की पहल पर ई-फाइल सिस्टम तैयार किया जा रहा है, जिसके लिए वेब एप्लिकेशन तैयार की गई है और इसी वेबसाइट के माध्यम से कॉलोनी सेल में आने वाले सभी दस्तावेज, आवेदन ऑनलाइन ही लिए जाएंगे। इसकी शुरुआत अभी कॉलोनाइजेशन लाइसेंस के आवेदन से की जा रही है और अब इसके आवेदन ऑफलाइन के बजाय सिर्फ ऑनलाइन ही लिए जाएंगे। दूसरी तरफ कॉलोनी सेल कई अवैध कॉलोनियों के मामलों में जल्द ही बड़ी कार्रवाई भी करने जा रहा है। पिछले दिनों ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर पंचायतों में निर्मित हो रही अवैध कॉलोनियों को नोटिस भी जारी किए गए और कई जगह बुलडोजर भी चलवाए।
नगर निगम के कॉलोनी सेल में 85 वार्डों में आने वाली वैध-अवैध कॉलोनियों पर नियंत्रण किया जाता है, जबकि निगम सीमा के बाहर यानी पूरे जिले के लिए प्रशासन का कॉलोनी सेल अनुमति देता है। कलेक्टर आशीष सिंह ने अब कॉलोनी सेल की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी करने के लिए ऑनलाइन करवाई है। कॉलोनी सेल के प्रभारी अपर कलेक्टर गौरव बेनल के मुताबिक एक वेबसाइट तैयार की गई है और जल्द ही कॉलोनी सेल में भी ई-फाइल सिस्टम पूरी तरह से लागू हो जाएगा। इसके चलते तय समय सीमा में प्रकरणों का निराकरण तो होगा ही, वहीं वरिष्ठ अधिकारियों को हर एक फाइल का स्टेटस भी पता चलेगा कि वह किस स्तर पर और क्यों लम्बित है।
बेनल ने बताया कि अभी शुरुआत में कॉलोनाइजेशन के लाइसेंस भी ऑनलाइन लिए जाएंगे और इससे संबंधित दस्तावेज भी आवेदन करने वाले को ऑनलाइन ही अपलोड करना पड़ेंगे। इसके बाद कॉलोनी के विकास की अनुमति, पूर्ण प्रमाण-पत्र, बंधक रखे गए भूखंडों की मुक्ति के अलावा कॉलोनी सेल से जुड़े अन्य सभी कार्य भी ऑनलाइन ही होंगे। यहां तक कि विकास अनुमति के बाद जब पूर्णता प्रमाण-पत्र किसी कॉलोनाइजर को चाहिए होगा तो वह अपने प्रोजेक्ट में हुए विकास कार्यों के फोटो और दस्तावेज ऑनलाइन ही अपलोड करेगा। इससे फाइल मूवमेंट में होने वाले समय की बचत होगी और सारा रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध भी रहेगा। दूसरी तरफ पिछले दिनों कलेक्टर ने 90 से अधिक कॉलोनियों के दस्तावेजों में यह भी उल्लेखित करवाया कि उक्त कॉलोनी अवैध है और इसकी जांच चल रही है, ताकि कई बेकसूर ठगी का शिकार न हों। वहीं एक और पहल कलेक्टर ने यह भी की कि जिन कॉलोनियों में विकास कार्य अधूरे हैं उन्हें पूरा करवाने की जिम्मेदारी इंदौर विकास प्राधिकरण को सौंपी जाएगी। अभी कॉल ोनी सेल ने पिछले दिनों ही ऐसी तीन कॉलोनियों के प्रकरण प्राधिकरण को सौंपे हैं, जिनमें विकास कार्य प्राधिकरण करवाए।
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